भारतीय नौसेना का ऐतिहासिक विमान वाहक पोत आईएनएस विराट नीलामी में बिकने से बच गया है. मंगलवार को इसकी ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया आगे बढ़ ही नहीं पाई क्यूंकि उम्मीद के मुताबिक़ दाम लगे ही नहीं. अब आईएनएस विराट को नीलाम करने की प्रक्रिया फिर से होगी. विराट को नीलामी में बेचने के फैसले के बारे में सरकार ने जुलाई में भारत की संसद को बताया था. आईएनएस विराट को नीलाम करने की प्रक्रिया सरकारी ई कॉमर्स कम्पनी मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) कर रही है.
एमएसटीसी ने मंगलवार की दोपहर को 12 बजे से ई नीलामी शुरू की थी लेकिन चार बजे तक भी उम्मीद के मुताबिक़ कीमत नहीं लग सकी लिहाज़ा अब दूसरी बार आईएनएस विराट की नीलामी होगी. हालांकि इसका कोई निश्चित मूल्य नहीं रखा गया था. वैसे इसका एक गोपनीय मूल्य रखा गया है जिसका ई ऑक्शन के वक्त खुलासा होगा और अगर उसके मुताबिक़ बोली नहीं लगेगी तो उसे कंप्यूटर ख़ारिज कर देगा.
मूल रूप से 1959 में ब्रिटिश नेवी में कमीशन किये गये इस पॉट को पहले एचएमएस कहा जाता था. गिनीज रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके इस सबसे पुराने विमानवाहक युद्धपोत को ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ कहकर भी पुकारा जाता है. भारतीय नौसेना में 1987 में शामिल किये गये आईएनएस विराट ने 30 साल तक सेवा दी और इस दौरान इसने 5 लाख 88 हज़ार से ज़्यादा नॉटिकल मील की यात्रा की. आईएनएस विराट को शान्ति स्थापित करने के लिए शुरू किये गये अभियानों के तहत 80 के दशक में श्रीलंका और 90 के दशक में करगिल युद्ध के समय भी तैनात किया गया.
आईएनएस विराट से सी हैरियर्स, व्हाइट टाइगर्स, सी किंग 42 बी, और सी किंग 42 सी जैसे विमानों के अलावा चेतक हेलिकॉप्टर भी उड़ान भर चुके हैं. विराट के डेक से उड़ान के लिए विभिन्न विमानों ने 22 हज़ार से ज़्यादा घंटे बिताये हैं.
नीलामी से पहले मंगलवार को आईएनएस विराट मुंबई स्थित नौसैनिक गोदी में निरीक्षण के लिए उपलब्ध कराया गया था. जहाज़ में से ज़्यादातर उपकरण, सेंसर, हथियार, मुख्य मशीनें, मोटरें, जीवन रक्षक उपकरण जैसा सामान निकाला जा चुका था. नीलामी में दिलचस्पी लेने वाले आवेदनकर्ताओं नीलामी की धरोहर राशि के तौर पर अग्रिम रूप से 5.30 करोड़ रुपये जमा कराए गये थे.