समुद्र में पैदा होने वाली समस्याओं से पार पाने के लिए एशियाई तटरक्षकों की कवायद

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दक्षिण कोरिया के इंचियोन में आयोजित एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की बैठक परिसर में कुछ देशों के तटरक्षक प्रमुख

भारतीय तटरक्षक (indian coast guard) ने दक्षिण कोरिया के इंचियोन आयोजित एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की 20 वीं बैठक (Heads of Asian Coast Guard Agencies Meeting – HACGAM) में  हिस्सा  लिया।  दो दिवसीय ( 3 -4  सितम्बर 2024 ) इस बैठक के दौरान, समुद्री कानून प्रवर्तन, समुद्र में जीवन की सुरक्षा एवं संरक्षा, समुद्री पर्यावरण संरक्षण, मादक पदार्थों, हथियारों की अवैध तस्करी और मानव तस्करी तथा भविष्य के सहयोग जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

सरकार के प्रेस सूचना विभाग की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति के  मुताबिक़ एसीजीएएम के दौरान, भारतीय तटरक्षक और कोरिया तटरक्षक के बीच 12वीं वार्षिक द्विपक्षीय बैठक भी, 4 सितंबर, 2024, को आयोजित की गई. यह बैठक मार्च 2006 में दोनों एजेंसियों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) के प्रावधानों के तहत थी.  बैठक में समुद्री खोज और बचाव, प्रदूषण प्रतिक्रिया और कानून प्रवर्तन के क्षेत्रों में परिचालन-स्तरीय बातचीत और क्षमता निर्माण बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया.

एचएसीजीएएम मुख्य रूप से क्षेत्र में सुरक्षित, संरक्षित और स्वच्छ समुद्र सुनिश्चित करने और उसे बढ़ावा देने के लिए सदस्य एशियाई राज्यों के तटरक्षकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित है. यह 23 सदस्यीय तटरक्षक एजेंसियों वाला एक स्वतंत्र मंच है और इसमें एशिया में समुद्री डाकुओं और सशस्त्र लूटपाट से निपटने पर क्षेत्रीय सहयोग समझौते ( Regional Cooperation Agreement on Combating Piracy and Armed Robbery against Ships in Asia  – रीकैप) और ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (United Nations Office on Drugs and Crime -UNODC) के रूप में दो सहयोगी सदस्य भी हैं.  इसमें सामान्य समुद्री मुद्दों के प्रति समन्वित प्रतिक्रिया और तालमेल के लिए केंद्रित और लक्ष्य-उन्मुख दृष्टिकोण को सक्षम करने वाले चार कार्य समूह शामिल हैं.

भारतीय तटरक्षक तलाश एवं बचाव कार्य समूह का अध्यक्ष तथा अन्य कार्य समूहों का सक्रिय सदस्य है, जिनमें पर्यावरण संरक्षण, समुद्र में गैरकानूनी कार्यों पर नियंत्रण तथा सूचना साझाकरण शामिल हैं.