भारतीय थल सेना की मेडिकल ऑफिसर कैप्टन कल्पना कुंडू ने साथी सैनिकों को इलाज मुहैया करने के लिए सीमाई राज्य अरुणाचल प्रदेश के बेहद दुर्गम रास्तों वालों पर्वतीय क्षेत्रों का कठिन सफर किया. अपनी कोर के सदस्य दल के साथ वो चीन सीमा की लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) इलाके में तैनात सैनिकों तक पहुंची जहां उचित मेडिकल आम तौर पर मुहैया नहीं होती.
कैप्टन कल्पना कुंडू के हिमालय के अति ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पैदल गश्त करके पहुँचने ने ये भी साबित कर डाला कि भारतीय सेना में महिलायें मौका मिलने पर हर वो काम कर सकती हैं जो उसके साथी पुरुष भी करते हैं. कैप्टन कल्पना कुंडू के इस सराहनीय काम को एक प्रेरणा के तौर पर भी देखा जा रहा है. थल सेना ने इस बारे में जारी बयान में कहा है, ‘ये भारतीय थल सेना की असली परम्परा है जहां अधिकारी मोर्चे पर नेतृत्व करते हैं’.
महिला अधिकारियों की मात्र 3.80 फ़ीसदी की मौजूदगी (मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग छोड़कर) वाली सेना में डॉक्टर कैप्टन कल्पना कुंडू ने एक नायाब मिसाल कायम की है. उन्होंने ऐसा करके महिलाओं को एक दायरे में सीमित रहने की छवि को भी तोड़ा है.
भारतीय रक्षा मंत्रालय की तरफ से पिछले साल संसद में उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक 1 जुलाई 2017 तक भारतीय थल सेना में 1548 महिला अधिकारी थीं. इस आंकड़े में मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग सेवा में तैनात अधिकारियों की संख्या शामिल नहीं की गई. 1 जनवरी 2018 तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (Armed Forces Medical Services ) में 3730 महिला अधिकारी हैं.