सेना ने 5  रिटायर्ड अफसरों को  ‘वेटरन अचीवर्स अवार्ड’  से सम्मानित किया

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सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और सेना के अन्य अधिकारियों के साथ मंच पर खड़े वे 5 पूर्व सैनिक जिनको ' 'वेटरन अचीवर्स अवार्ड' से सम्मानित किया गया .
भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने आर्मी से सेवानिवृत्त 5 अधिकारियों को ‘वेटरन अचीवर्स अवार्ड ‘ ( veteran achievers award ) प्रदान करके सम्मानित  किया है. यह वो सैनिक हैं जो सेना में सेवा करते हुए बरसों बिताने के बाद भी थके नहीं. यह पर्यावरण रक्षा से लेकर  लोगों की सेहत की हिफाजत  और समाज कल्याण के काम में जूझ रहे हैं . जनरल द्विवेदी ने इनको मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में अचीवर्स अवार्ड प्रदान किए. सम्मानित पूर्व सैनिक हैं : ब्रिगेडियर रामनारायण विनायक , कर्नल के पी सिंह , कर्नल वैभव प्रकाश त्रिपाठी , नायक अनिल वर्मा और लांस  दफादार प्रदीप कलास्कर .

ब्रिगेडियर रामनारायण विनायक :
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ब्रिगेडियर रामनारायण विनायक (सेवानिवृत्त) ने पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने डीजीआर प्रायोजित सुरक्षा एजेंसी के साथ-साथ मध्य प्रदेश  राज्य  सरकार के माध्यम से 300 से अधिक पूर्व सैनिकों को रोजगार दिलवाया है . उन्होंने वीर नारियों के लिए स्वास्थ्य सेवा संबंधी सेवाओं  तक पहुंच और उदार पारिवारिक पेंशन की बहाली समेत  लाभ भी सुनिश्चित किए. इससे  वीर नारियों के  जीवन और आर्थिक स्थिरता पर अच्छा  असर पड़ा.

 कर्नल वैभव प्रकाश त्रिपाठी :
मध्य प्रदेश पूर्व सैनिक लीग के उपाध्यक्ष कर्नल वैभव प्रकाश त्रिपाठी का बैतूल में ‘ओजस शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान’ से उल्लेखनीय जुड़ाव है. पूर्व सैनिकों   द्वारा पूरी तरह से स्थापित और प्रबंधित यह संस्थान दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण मुहैया कराता है .  रक्षा बलों में प्रवेश के लिए इच्छुक युवाओं को तैयार करके, संगठन राष्ट्र के लिए सराहनीय सेवा प्रदान करता है.

 नायक अनिल वर्मा:
अपनी बेटी के लिए सुरक्षित छात्रावास खोजने के लिए मशक्कत करने के दौरान उनको उन आदिवासी छात्राओं के लिए कुछ  करने का विचार आया . नायक अनिल वर्मा ने मध्य प्रदेश के बिलासपुर में अपने पैतृक मकान  को आदिवासी लड़कियों के लिए एक सुरक्षित और अच्छी तरह से सुसज्जित छात्रावास में बदल दिया. यही नहीं   उन्होंने 2017 में वंचित और आदिवासी बच्चों के लिए एक स्कूल की स्थापना भी की. इस स्कूल को  दो साल के भीतर मध्य प्रदेश शिक्षा बोर्ड से मान्यता मिल गई.  छात्रों की शुरुआती औसत शैक्षणिक पृष्ठभूमि के बावजूद, स्कूल ने लगातार उल्लेखनीय परिणाम हासिल किए हैं, जिसमें 97% से अधिक छात्र बोर्ड परीक्षा पास होते हैं .

लांस दफादार प्रदीप कलस्कर  :
दफादार प्रदीप कलस्कर (सेवानिवृत्त), पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को पेंशन और वित्तीय मामलों में सहायता करते हैं, गंभीर और लम्बे समय समय तक रोग ग्रस्त रहने वालों के लिए धन इकट्ठा करते हैं .  उनकी निस्वार्थता तब सामने आई जब वे एलपीजी से लगी आग से दो महिलाओं और तीन बच्चों को बचाते हुए 40% जल गए.  वे एक भावुक पर्यावरणविद् हैं और उन्हें 1,000 से अधिक पौधे लगाने के लिए छिंदवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा ‘वृक्षमित्र’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था.