सियाचिन में तैनात भारतीय सेना के एक चिकित्सा अधिकारी कैप्टन अंशुमन सिंह की आग लगने की घटना में जान चली गई. तीन अन्य सैनिकों भी आग और धुएं की गिरफ्त में आकर ज़ख़्मी हुए हैं . कहा जा रहा है आग वहां गोला बारूद जमा करने के स्थान पर लगी. सेना ने अभी दुर्घटना से जुड़े कारण और सही सही हालात के बारे में काफी तथ्य नहीं बताए हैं . तीनों सैनिकों के उपचार के लिए वहां से एयर लिफ्ट किया गया है .
कैप्टन अंशुमन सिंह सेना मेडिकल कोर ( army medical corps ) में चिकित्सा अधिकारी थे और उनका ताल्लुक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से था . कैप्टन अंशुमन के पिता आर पी सिंह भी पूर्व सैनिक हैं. ब=वह सिग्नल कोर में थे और साल भर पहले ही रिटायर हुए थे . दुर्भाग्यपूर्ण बैट यह भी है कि इसी साल फरवरी के महीने में ही कैप्टन अंशुमन की शादी हुई थी .
सियाचिन ग्लेशियर में सेना के ठिकाने पर आग लगने की इस घटना के बारे में लेह स्थित सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल पी एस सिद्धू ने बताया कि आग लगने की घटना तड़के 3 बजे की है . उन्होंने बताया कि तीन जवानों को 2 डिग्री बर्न ( 2 nd degree burn ) के ज़ख़्म हैं. तीनो को सुरक्षित तरीके से एयर लिफ्ट करके समुचित इलाज के लिए ले जाया गया है . उनकी हालत स्थिर बताई जाती है . सेना के प्रवक्ता के मुताबिक़ कैप्टन अंशुमन आग में काफी झुलस गए थे जिसकी वजह से उनकी जान गई.
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने कैप्टन अंशुमन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ट्वीट किया है कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. उन्होंने अंशुमन के पिता सूबेदार आरपी सिंह के जज्बे की तारीफ की है जिन्होंने दुःख की इस घड़ी में कहा कि उनको बेटे की बहादुरी पर गर्व है . सूबेदार आर पी सिंह सेना की सिग्नल कोर में थे और साल भर पहले ही रिटायर हुए थे .
लदाख से लोक सभा के सदस्य जाम्यंग शेरिंग नामग्याल ( Jamyang Tsering Namgyal ) ने दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया और इस एक त्रासदी बताया . उन्होंने कैप्टन अंशुमन को हीरो बताते हुए ट्वीट किया और कहा कि मैं उस बहादुर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिसने अपनी जान दांव पर लगाते हुए 3 साथी सैनिकों की प्राण रक्षा की. सांसद नामग्याल ने दुर्घटना में झुलसे सैनिकों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की.