
भारतीय सेना की पश्चिमी कमांड के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वधवा ( lt gen mohit wadhwa) और पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ( dgp of punjab) ने मंगलवार को राजधानी चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉनफ्रेंस में इस मामले में अपने अपने संगठनों की प्रतिबद्धता को दोहराया . दोनों अधिकारियों ने पहले से तैयार बयान पढ़े और मीडिया की तरफ से कोई सवाल पूछे जाने से पहले ही वहां से चले गए .
पश्चिमी कमान के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वधवा ने कहा, “हम दोषियों को दंडित करने और सिस्टम में विश्वास बहाल करने के लिए पारदर्शी और बहुत ही समयबद्ध तरीके से निष्पक्ष और ईमानदार जांच की ज़रूरत दोहराते हैं.” उन्होंने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों को समय पर और अनुकरणीय तरीके से दंडित किया जाना चाहिए. लेफ्टिनेंट जनरल वधवा ने कहा, “मैं सभी को आश्वस्त करना चाहूंगा कि भारतीय सेना मामले को उसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
वहीं डीजीपी गौरव यादव ( dgp gaurav yadav) ने कहा कि सेवारत सैन्य अधिकारी पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ कानून के मुताबिक़ सख्ती से निपटा जाएगा. डीजीपी यादव ने कहा, “जांच तेजी से पूरी की जाएगी ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके.”
इससे पहले सोमवार को कर्नल बाठ की तरफ से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले की जांच सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की मांग की गई.
दिल्ली में सेना मुख्यालय में तैनात कर्नल बाठ के साथ पुलिस के बुरे बर्ताव व हमले का यह मामला भारतीय सेना के नेतृत्व तक जा पहुंचा. वहीं बाठ परिवार पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया तक से मिला. इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए जिसमें पूर्व सैनिक शामिल हुए . निष्पक्षता के लिए सीबीआई जांच होने लगी.
वहीं मीडिया में कवरेज और सोशल मीडिया पर वायरल होते कंटेंट से यह मामला ‘ सेना बनाम पुलिस ‘ ( army verses police) जैसा रूप धारण करने लगा. संभवत इन हालात के दबाव से मजबूर होकर राज्य में पुलिस और सेना के शीर्ष नेतृत्व को एक साथ मीडिया के सामने आना पड़ा.
पंजाब पुलिस ने पिछले सप्ताह कर्नल बाठ के बयान के आधार पर एक नई एफआईआर दर्ज की. “निष्पक्ष और त्वरित तरीके से” जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल का गठन किया गया है जिसकी निगरानी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ( additional dgp ) स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है .