भारतीय वायु सेना के 3 जून को दुर्घटनाग्रस्त हुए मालवाहक विमान एएन 32 में सवार अधिकारियों और वायु सैनिकों के 13 शव आज अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में दुर्घटना स्थल से निकाल कर असम के जोरहाट स्थित उस वायुसैनिक अड्डे पर पहुंचा दिए गये जहां से इन जांबाजों ने उड़ान भरी थी. ये विमान अरुणाचल प्रदेश में मेचुका हवाई पट्टी पर जाने के लिए दोपहर को उड़ा था लेकिन परवाज़ भरने के बमुश्किल आधे घंटे बाद ही राडार से लापता हो गया था.
भारतीय वायुसेना की तरफ से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ सभी शव फिलहाल जोरहाट लाये गये हैं. यहाँ से सैनिकों को आखिरी विदाई देकर उनके शवों को घरों तक पहुँचाया जाएगा ताकि वहीं उनका अंतिम संस्कार किया जा सके. विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये शव 11 जून को खोज लिए गये थे. भारतीय वायुसेना दुःख की इस घड़ी में कर्तव्य के दौरान जीवन गंवाने वाले वायुसैनिकों के परिवार वालों के साथ खड़ी है.
भारतीय वायु सेना ने तलाश और बचाव ऑपरेशन में दिए गये सहयोग के लिए भारतीय थल सेना, भारतीय नौसेना, एनटीआरओ, अरुणाचल प्रदेश की सरकार के साथ साथ उन नागरिकों का आभार व्यक्त किया है जिन्होंने इसमें साथ दिया. विमान का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है. संभवत: उसके डाटा के अध्ययन के बाद दुर्घटना के कारणों का पता चल सकेगा. विमान फ्लाइट लेफ्टिनेंट आशीष तंवर उड़ा रहे थे.
उल्लेखनीय है कि हादसे के आठ दिन बाद मिले वायुसैनिकों के शवों को बेहद घने जंगल वाले पहाड़ी क्षेत्र में खराब मौसम की चुनौती के बावजूद निकालने की कोशिशें कल तक नाकाम होती रहीं जिसकी वजह से प्राण गंवा चुके वायुसैनिकों के परिवारों के लिए तकलीफ और बढ़ गई थी. उन्हें लग रहा था कि शवों को लाने के लिए ज्यादा प्रयास किये जाने चाहिए थे.