भारतीय सेना के इतिहास में इस तरह की तस्वीर शायद ही पहले कभी दिखी हो . ऐसी तस्वीर दुर्लभ होने के साथ साथ अपने भीतर बेहद मार्मिक पलों को कैद किए हुए है .
यह वो क्षण हैं जब भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल डीपी सिंह ने अपने प्रतिष्ठित सैन्य करियर में एक उल्लेखनीय मील का पत्थर हासिल किया . इस उपलब्धि को उनकी दोनों बेटियों की उपस्थिति ने और भी खास बना डाला जो खुद सेना का हिस्सा हैं . दोनों बेटियों ने उनकी वर्दी पर पदोन्नति के सितारे लगाए . लेफ्टिनेंट जनरल डीपी सिंह को पुणे में सैन्य खुफिया प्रशिक्षण स्कूल और डिपो (MINTSD) के कमांडेंट के रूप में नियुक्त किया गया.
पिपिंग समारोह ( pipping ceremony ), पारंपरिक रूप से एक गौरवपूर्ण पारिवारिक कार्यक्रम होता है जहाँ पदोन्नति के दौरान एक सैनिक के रैंक का प्रतीक चिन्ह लगाया जाता है. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के लिए, यह अवसर विशेष रूप से मार्मिक था क्योंकि उनकी बेटियों ने उनके करियर के इस महत्वपूर्ण पड़ाव वाले अनुभव में हिस्सा लिया. उनकी बेटियों की उपस्थिति ने एक ऐसे परिवार की ताकत , देश के प्रति प्रतिबद्धता और एकता को रेखांकित किया जिसके सदस्य देश के लिए समर्पित जीवन से बंधे हैं.
यह प्रेरक क्षण उन महिलाओं की प्रगति को दर्शाते है जो पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं. साथ ही वह अनुशासन, कर्तव्य और देशभक्ति का प्रतीक हैं. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह का परिवार सशस्त्र बलों के मूल्यों के प्रति कई पीढ़ियों के समर्पण का उदाहरण है.