गोरखा रेजीमेंट में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती पर नेपाल राजी नहीं

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अग्निपथ योजना
सांकेतिक फोटो

भारत के सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे की अगले महीने की नेपाल यात्रा से ऐन पहले एक विवाद खड़ा हो गया है. नेपाल ने , अपने यहां पर , भारतीय सेना में अग्निपथ योजना के तहत नेपाली युवकों की भर्ती पर रोक लगा दी है. नेपाल का कहना है कि इस योजना के तहत नेपाली युवकों की भर्ती 1947 में हुए त्रिपक्षीय समझौते का उल्लंघन है. ये समझौता भारत , नेपाल और इंग्लैंड के बीच हुआ था. इसके तहत नेपाली युवा भारत की गोरखा रेजीमेंट में भर्ती किये जाते है. ये
गोरखा रेजीमेंट में अग्निपथ योजना के तहत अपने युवाओं की भर्ती पर नेपाल राजी नहीं

सिलसिला तो लगातार चल ही रहा है वहीं भारत और नेपाल एक दूसरे के सेनाध्यक्ष को अपनी सेना के मानद जनरल की उपाधि से सम्मानित भी करते हैं. सांस्कृतिक समानता और अच्छे सैन्य संबंध दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ता का एक बढ़ा कारण हैं. नेपाल सेना के जनरल की मानद उपाधि से सम्मानित करने के रस्म के लिए जनरल पांडे को सितंबर के पहले हफ्ते में काठमांडू जाना है.

भारत की थल सेना की गोरखा रेजीमेंट में 43 बटालियन हैं जिनमें नेपाली और भारतीय दोनों ही जवान भर्ती किये जाते हैं. 1947 में आज़ादी के बाद से इस प्रक्रिया में रोक नहीं आई है . गोरखा रेजीमेंट में नेपाली सैनिकों की भर्ती जिस त्रिपक्षीय समझौते के तहत होती है उसका आधार 1816 में नेपाल सरकार और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच हुई एक संधि है. जब देश आज़ाद हुआ तो समझौते के तहत नेपाली गोरखाओं को भारत या इंग्लैंड , दोनों में से किसी की भी सेना में जाने की छूट दे दी गई थी.

बुधवार को नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का ने नेपाल में तैनात भारतीय राजनयिक नवीन श्रीवास्तव को सूचित किया था कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती 9 नवंबर 1947 को हुए त्रिपक्षीय समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन है . हालांकि माना जा रहा है कि नेपाल इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेने के लिए अपने यहां सभी राजनीतिक दलों व अन्य हितधारकों से व्यापक सलाह मशवरा करेगा. अभी तक की स्थिति ये है कि भारत ने 6 हफ्ते पहले नेपाल के विभिन्न भर्ती केन्द्रों पर अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए नेपाल से सहयोग माँगा था. ये भर्ती बृहस्पतिवार से शुरू हो 29 सितंबर को सम्पन्न होनी थी. भर्ती शुरू नहीं हो सकी है.

उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना में जवानों को भर्ती करने के लिए सरकार ने इसी साल अग्निपथ योजना का ऐलान किया है . अग्निपथ योजना के तहत कम से कम साढ़े सतरह साल के युवा को सैनिक के तौर पर भर्ती किया जा सकता है . इसमें भर्ती 4 साल के लिए होती है. चार साल बाद 25 प्रतिशत सैनिकों को नियमित करने का प्लान है बाकी 75 फीसदी रिटायर माने जाएंगे परन्तु उनको पेंशन आदि जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी.