भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल बिमल वर्मा की बजाय वाइस एडमिरल करमबीर सिंह के नौसेना प्रमुख के तौर पर कार्यभार सम्भालने का रास्ता साफ़ हो गया है. वो वर्तमान नौसेना प्रमुख सुनील लान्बा के रिटायर होने पर उनसे कमान लेंगे. सुनील लान्बा कल यानि 31 मई 2019 को रिटायर होंगे. एडमिरल बिमल वर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही सशस्त्र बल पंचाट (आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल-AFT) ने वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को नौसेना के चीफ का पद सम्भालने की हरी झंडी दे दी है. हालांकि भारतीय नौसेना प्रमुख के ओहदे पर उनकी नियुक्ति एडमिरल वर्मा की याचिका के फैसले पर निर्भर करेगी. इस याचिका पर अब 17 जुलाई को ट्रिब्यूनल में सुनवाई होनी है.
अंग्रेज़ी दैनिक हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक़ तो भारत के दो पूर्व रक्षा मंत्रियों, यूपीए सरकार के दौरान एके एंटनी और एनडीए सरकार के दौरान मनोहर पर्रीकर ने वाइस एडमिरल बिमल वर्मा के खिलाफ रिपोर्ट लिखी थी और साथ ही नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लान्बा ने करमबीर सिंह को नौसेना प्रमुख बनाने की सिफारिश की थी. वाइस एडमिरल करमबीर सिंह वाइस एडमिरल बिमल वर्मा से जूनियर हैं. अखबार ने लिखा है कि इस मामले पर टिप्पणी के लिए भेजे गये टेक्स्ट मैसेज का एडमिरल बिमल वर्मा ने कोई जवाब नहीं दिया.
दूसरी तरफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा के वकील अंकुर छिब्बर ने कहा है कि पहले के निर्देश के बावजूद चयन प्रक्रिया वाली फाइल अदालत के सामने नहीं रखी है और हमें खिलाफ की गई टिप्पणी के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस पर हम जवाब तभी देंगे जब ये अदालत के समक्ष प्रस्तुत की जायेंगी.
उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना की अंडमान निकोबार कमान के प्रमुख के तौर पर तैनात वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने वाइस एडमिरल करमबीर सिंह की नौसेना के चीफ के तौर पर नियुक्त करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी. साथ ही उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण रमण को भी शिकायत दी थी.