भारत के दौरे पर आये अमेरिकी नौसेना के प्रमुख एडमिरल जॉन माइकल रिचर्डसन की यात्रा का उद्देश्यष भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक संबंधों को और मजबूत बनाने और नौसैनिक सहयोग की नई संभावना तलाशना है. एडमिरल जॉन एम. रिचर्डसन ने सोमवार को भारत के नौसेना प्रमुख सुनील लांबा से बातचीत की. उन्होंहने रक्षा सचिव, वायुसेना प्रमुख और उपसेना प्रमुख सहित कई वरिष्ठत सैन्यए अधिकारियों से भी मुलाकात की.
भारतीय और अमेरिकी नौसेना द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तर पर संयुक्त रूप से नियमित समुद्री अभ्यास करती रहती हैं. मालाबार और रिमपैक अभ्यास इसके उदाहरण हैं. विभिन्न क्षेत्रों में अंतर संस्थागत विकास के लिए भी दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच नियमित रूप से विषय संबधी विशेषज्ञताओं को साझा करने की प्रक्रिया चलती रहती है.
2016 में अमेरिका द्वारा अहम रक्षा सहयोगी का दर्जा मिलने के बाद से भारत और अमेरिका के बीच हाल के वर्षों में संबंध और प्रगाढ़ हुए माने जा रहे हैं. रक्षा मंत्रालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक बीते साल सितंबर में आयोजित मंत्रिस्तरीय 2 + 2 संवाद ने भी दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के लिए नए अवसरों के द्वार खोले हैं.
सरकारी बयान के मुताबिक़ एडमिरल जॉन माइकल रिचर्डसन की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच मुख्य रूप से नौसेना परिचालन और अभ्यास, साझा प्रशिक्षण, सूचनाओं के आदान प्रदान, क्षमता विकास और दक्षता वृद्धि जैसे विषयों पर बातचीत की गई.