भारत सरकार ने 2020-21 के बजट अनुमानों में केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.49 फीसदी हिस्सा रक्षा बजट के लिए रखा है. पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले ये वृद्धि 9.37 प्रतिशत की है. पूंजीगत साधनों के लिए 1 लाख 18 हज़ार 555 करोड़ रूपये खर्च करने का प्रस्ताव है.
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ 1 फरवरी, 2020 को संसद में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट में कुल 30 लाख 42 हज़ार 230 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की परिकल्पना की गई है. इसमें से 3 लाख 37 हज़ार 553 करोड़ रुपये का व्यय रक्षा के लिए (रक्षा पेंशन को छोड़कर) आवंटित किया गया है. 2020-21 के बजट में, रक्षा पेंशन के लिए 1 लाख 33 हज़ार 825 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि का प्रावधान किया गया है.
वित्त वर्ष 2020-21 के रक्षा पेंशन सहित कुल रक्षा आवंटन (4,71,378 करोड़ रुपये) में 40,367.21 करोड़ रुपये की बढोतरी की गई है. ये रक्षा बजट, केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.49 प्रतिशत है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 4 लाख 71हज़ार 378 करोड़ रुपये का आवंटन 2019-20 के बजट अनुमानों (4,31,010.79 करोड़ रुपये) में 9.37 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आवंटित 3,37,553 करोड़ रुपये में से 2,18,998 करोड़ रुपये राजस्व (शुद्ध) व्यय के लिए और 1,18,555 करोड़ रुपये रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सेवाओं और संगठनों/ विभागों के पूंजीगत व्यय के लिए है. पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित 1,18,555 करोड़ रुपये की राशि में आधुनिकीकरण से संबंधित खर्च भी शामिल हैं.