आकाश में ही शत्रु को तबाह कर देने वाले फौजियों ने मनाया ख़ास दिन

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भारतीय सेना
भारतीय सेना की 27 एयर डिफेन्स रेजीमेंट ने अपना 51वां सम्मान शीर्षक दिवस 'अमृतसर एयरफील्ड'मनाया.

शूरवीरता का इतिहास समेटे भारतीय सेना की 27 एयर डिफेन्स रेजीमेंट ने अपना 51वां सम्मान शीर्षक दिवस ‘अमृतसर एयरफील्ड’ शानदार तरीके से मनाया. इस अवसर पर उन सैनिकों को याद किया गया जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन और मातृभूमि की रक्षा के लिये सर्वोच्च बलिदान दिया. पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नव कुमार खंडूरी ने स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किए. इस अवसर पर आयोजित सैनिक सम्मेलन को भी उन्होंने संबोधित किया. लेफ्टिनेंट जनरल खंडूरी ने पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों और वीर नारियों से मुलाकात कर शुभकामनाएं व्यक्त की.

आकाश में रक्षा करने वाली भारतीय सेना की इस इकाई का ध्येय वाक्य है ‘आकाशे शत्रुन् जहि’. इसका मतलब है – आकाश में ही शत्रु को मार दो.

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भारतीय सेना की 27 एयर डिफेन्स रेजीमेंट ने अपना 51वां सम्मान शीर्षक दिवस ‘अमृतसर एयरफील्ड’मनाया.

27 एयर डिफेंस रेजीमेंट का इतिहास :

27 एयर डिफेंस रेजीमेंट (27 air defence regiment) जब 1 फरवरी 1942 को गठित की गई थी तब इसे 3 इंडियन लाइट एंटी एयरक्राफ्ट रेजीमेंट कहा जाता था. मेजर एच टी होगन तब इसके कमान अधिकारी थे जो बाद में लेफ्टिनेंट कर्नल बने. इस इकाई में दक्षिण भारतीय जवानों को ज्यादातर भर्ती किया गया. गठन के समय इसमें 40 एम एम बोफोर्स एल – 60 और अमेरिकन एंटी एयर क्राफ्ट गन थीं. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रेजीमेंट की विभिन्न उप इकाइयां चिटगोंग, सीलोन, बॉम्बे और कलकत्ता में तैनात थीं बाद में अलग तरह के हथियारों की ट्रेनिंग के लिए रेजीमेंट को विशाखापत्तनम भेज दिया गया था. युद्ध के बाद इसे कोयम्बटूर भेजा गया और जब भारत ब्रितानवी शासन से आज़ाद हुआ तो फरवरी 1965 में इसको नया नाम 27 एयर डिफेन्स रेजीमेंट दिया गया.

‘अमृतसर एयरफील्ड’ सम्मान :

पश्चिमी कमान में रहते 1965 के युद्ध में इसने आकाशीय रक्षा के लिए विभिन्न भूमिकाएं निभाई. इस युद्ध के लिए गनर्स को 2 वीर चक्र, 2 सेना मेडल और 5 मेंशन इन डिस्पेचेज़ प्रदान किये गए लेकिन 27 एयर डिफेन्स रेजीमेंट युद्ध लड़ने के सम्मान स्वरूप दिए जाने वाला शीर्षक ‘ अमृतसर एयरफील्ड ‘ ( the battle honour title of ‘Amritsar Airfield’) 1971 में दिया गया. पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में इसकी L -60 गन ने जो कारनामे किये वो यादगार कहे जाते हैं. 27 एयर डिफेंस रेजीमेंट को 1971 के युद्ध में 3 वीर चक्र , 1 सेना मेडल और 2 विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान किये गए थे.

पृथ्वी से आसमान पर मार करके अपने टारगेट को धराशायी करने वाले आकाश मिसाइल सिस्टम से लैस इस रेजीमेंट की टुकड़ी ने कई बार गणतंत्र दिवस की परेड में भी हिस्सा लिया है. आतंकवाद एवं घुसपैठ निरोधक विभिन्न ऑपरेशंस में भी जहां इसकी टुकड़ियां हिस्सा ले चुकी हैं वहीं 2001 में गुजरात में आए भीषण भूकम्प में भी राहत कार्य में भी उन्होंने शानदार काम किया. इसके लिए दक्षिण कमान के जीओसी ने रेजीमेंट को प्रशस्ति पत्र देते हुए सराहना भी की थी.