अचानक कैसे भी हुई मौत पर भी पंजाब के सेवारत सैनिक के परिवार को मिलेगा 25 लाख

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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने करगिल दिवस के मौके पर अमृतसर में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की

पंजाब सरकार ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले वाले उन सैनिकों  के आश्रितों को भी 25 लाख रूपये अनुग्रह राशि के तौर पर देने की शुरुआत करेगी जिनकी मृत्यु किसी भी तरह के हादसे या अचानक पैदा हुई शारीरिक अवस्था से होगी.  इसके अलावा ड्यूटी के दौरान घायल होने वाले सैनिकों को मिलने वाली सहायता राशि को भी बढ़ाने कर दोगुना करने  का फैसला लिया गया है. इससे संबंधित ऐलान पंजाब  के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने करगिल दिवस के मौके पर अमृतसर में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि  देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में किए.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मां ने कहा कि सेना में काम करते समय सैनिक चाहे बर्फीले तूफ़ान की चपेट में आकर प्राण गंवाए या ब्रेन हेमरेज या दिल दौरा पड़ने से उसकी जान जाए , पंजाब सरकार ने  ऐसे शहीद सैनिकों के आश्रितों को 25 लाख रूपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला लिया है. पहले ऐसा नहीं था. उन्होंने कहा कि पहले ऐसी अनुग्रह राशि युद्ध या संघर्ष के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों के आश्रितों को ही  देने का प्रावधान था.

पूर्व सैनिकों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को स्मृति चिन्ह भेट किया

मुख्यमंत्री मान  ने कहा कि जंग में 70 से 100% घायल होने वाले जवानों को 20 लाख रूपये  की जगह अब 40 लाख रूपये मदद  दी जाएगी.  इसके अलावा 51 से 75% तक घायल होने सैनिकों को 10 की बजाय  20 लाख रुपए, 25 से 50% तक घायल होने वाले जवानों को 5  की जगह  10 लाख रुपए की आर्थिक मदद सरकार देगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान  ने  प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए गैर पेंशन प्राप्त  सैनिकों की विधवाओं को दी जाने वाली मासिक पेंशन की राशि भी छह हजार रुपये से बढ़ाकर दस हजार करने का ऐलान किया . उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि सैनिकों और उनके परिवारों के लिए यह मदद करके हम कोई अहसान नहीं कर रहे. यह उनका सम्मान है.

मुख्यमंत्री ने आज ही दिन 1999 में  ‘टाइगर हिल’ पर तिरंगा फहराये जाने का ज़िक्र किया. साथ ही कहा कि  आज वार मेमोरियल में जो ज्योति प्रज्वलित हो रही है, इसमें तेल नहीं है  जो खत्म  होने पर ज्योति बुझ जाए , इसमें बलिदानियों का रक्त है. भगवंत मान  ने कहा कि विरसे के साथ साथ सेना को सम्भालना , शहीद सैनिकों का सम्मान करना  भी हमारा फर्ज़ है . उन्होंने भारतीय सेना की इस बात के लिए तारीफ की कि वो अपने सैनिकों और उनके परिवारों को कभी भूलती नहीं .

मुख्यमंत्री भगवंत मान  ने वो दिन भी याद किया जब करगिल युद्ध के शहीद सैनिकों के परिवारों की सहायतार्थ एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें विभिन्न कलाकारों के साथ खुद उन्होंने भी एक कलाकार के तौर पर हस्सा लिया था .