न्यूयार्क से बगदाद और फिर अल कायदा के लड़ाकुओं का सफाया करते पेंटागन पहुंचा यह बहादुर सैनिक

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अमेरिकी सेना के सेवानिवृत्त सार्जेंट मेजर एरिक गेरेसी को विशिष्ट सेवा क्रॉस प्रदान किया गया '
पेंटागन का सभागार आज उस वक्त  बेहद भावुक वातावरण से सराबोर हो गया  जब सैन्य नेतृत्व  के साथ बड़े बड़े लोग  और परिवार सेवानिवृत्त सार्जेंट मेजर एरिक गेरेसी को सम्मानित करने के लिए एकत्र हुए. कइयों के लिए यह भावुक पल इसलिए थे क्योंकि वह इस शानदार सैनिक के जिंदगी के सफर से, कहीं ज्यादा या कहीं कम,  जुड़े  तो रहे थे . एक साहसी और शूरवीर फौजी एरिक गेरेसी को विशिष्ट सेवा क्रॉस प्रदान ( distinguished service cross) दिया जा रहा था जो अमेरिका में वीरता के लिए सेना का दूसरा सर्वोच्च पुरस्कार है .

इस समारोह में 4 सितंबर, 2007 को बगदाद में कॉम्बैट आउटपोस्ट ब्लैकफुट में एक क्रूर घात के दौरान गेरेसी की असाधारण वीरता को मान्यता दी गई,. वो एक ऐसा दिन था  जिसने एरिक गेरेसी के  नेतृत्व का परीक्षण किया और उनकी विरासत को मजबूत किया.

दिलचस्प है कि गेरेसी के मार्गदर्शन में एक युवा लेफ्टिनेंट रहे रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ( Pete Hegseth ) ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की.   गेरेसी के पूर्व कमांडर, सेवानिवृत्त सेना कर्नल माइकल स्टील और मायरोन रीनेके शामिल हुए. ऐसे लोगों की मौजूदगी गेरेसी से उनके  युद्ध में बने गहरे बंधन और निस्वार्थ सेवा  को परिभाषित करती है .

स्टील ने कहा, “एरिक गेरेसी ने नेतृत्व की हमारी अपेक्षाओं को पार कर लिया है… वह एक जानदार नेता हैं, जिस तरह के नेता का हम सभी अनुसरण करना चाहते हैं.”

हमेशा विनम्र रहने वाले गेरेसी ने सुर्खियों को फिर से बदल दिया. “इस तरह के पुरस्कार – मेडल ऑफ ऑनर, सर्विस क्रॉस, सिल्वर स्टार – ये व्यक्तिगत रूप से दिए जाते हैं, लेकिन इन्हें टीमें हासिल करती हैं .”  उन्होंने अपने साथ खड़े सैनिकों को सम्मानित करते हुए अपनी आवाज़ स्थिर रखी. गेरेसी के लिए, यह उन सैनिकों के बारे में था जिनके साथ उन्होंने अब तक  सेवा की – एक ऐसा फोकस जिसने उनके 36 साल के करियर को आकार दिया. न्यूयार्क के  स्टेटन आइलैंड की सड़कों से लेकर इराक के युद्ध के मैदानों और अब पेंटागन के हॉल तक.

एक पुलिस मैकेनिक के बेटे गैरेसी ने स्टेटन द्वीप के साउथ बीच के अड़ोस पड़ोस में अपनी यात्रा शुरू की  जहां  वह सैन्य विरासत से समृद्ध परिवार में पले-बढ़े. उनके दादा ( एक पूर्व सैनिक), ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 504वीं पैराशूट इन्फेंट्री रेजिमेंट, 82वीं एयरबोर्न डिवीजन में सेवा करते हुए तीन दफा जंग के मैदान में  छलांग लगाई. गेरेसी के  चाचा 20वें विशेष बल समूह और यूएसएस इंट्रेपिड में सेवा करते थे  और एक परदादा ऑपरेशन गिन्नी के दौरान मारे गए थे, जब वे सामरिक सेवाओं के कार्यालय में सेवा करते थे. उनका नाम सीआईए मुख्यालय की स्मारक दीवार पर उकेरा गया है.

गेरेसी ने कहा, “एक बच्चे के रूप में, ये सब मुझे वास्तव में आकर्षित करती था .”

बोले , “मुझे बहुत छोटी  उम्र में पता चल गया  था कि मुझे  यही है – सेना भर्ती होना और सेवा करना, पैराट्रूपर बनना या ऐसा ही कुछ.”

उनका यह संकल्प 11 सितंबर, 2001 को उनके सैन्य करियर के एक दशक बाद पूरा हुआ. 82वें एयरबोर्न डिवीजन में रहते लगाई  छलांग के दौरान पैर में लगी चोट से हवाई ( hawai ) में ईलाज करवा रहे गेरेसी को एक सहकर्मी का फोन आया जिसने सब कुछ बदल कर रख दिया.

“[मेरा दोस्त] चिल्लाया, ‘अरे, तुम यह देख रहे हो?'” उसने याद किया. “दूसरा विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकराया था.”

यह हमला घर के करीब था जिसे एक मूल न्यू यॉर्कर के लिए देख-सुन पाना भी बेहद मुश्किल. उसकी चाची टावरों से बाल-बाल बच गई, उसके माता-पिता को  इन टावरों तक जाना था और वो के रास्ते में थे जो पहले विमान हमले से बमुश्किल बच पाए. उसके सैकड़ों पड़ोसी मारे गए.

गेरेसी ने कहा कि हम सबको तुरंत पता चल गया था कि हम युद्ध की तरफ जा रहे हैं.

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध शुरू होने पर उससे किनारा कर लेने  से इनकार करते हुए, गेरेसी ने  केंटकी के फोर्ट कैंपबेल में 101 एयरबोर्न डिवीजन में स्थानांतरण और तैनाती ली जो एक व्यक्तिगत मिशन से प्रेरित था.

“मेरे घर पर हमला हुआ,” गेरेसी ने कहा. “मैं अपना काम करना चाहता था.”

उस पल ने कर्तव्य और बलिदान में निहित करियर की दिशा तय की.

अराजकता के बीच नेतृत्व करना :
2003 में गेरेसी की युद्ध में  पहली तैनाती 101 एयरबोर्न डिवीजन की 187  इन्फैंट्री रेजिमेंट में दूसरी बटालियन की  ब्रेवो  कंपनी में हुई , जिसने उन्हें इराक की शुरुआती अराजकता में धकेल दिया. उनकी टुकड़ी ने उन स्थानों को सुरक्षित किया जहां AH-64 अपाचे हेलीकॉप्टर ईंधन भरने आए थे.   हिल्लाह में सद्दाम हुसैन के मुख्यालय पर कब्ज़ा किया. उल्लास और छिपे हुए खतरों के बीच बगदाद में प्रवेश किया.

मेडिकल सिटी में – आक्रमण के बाद  एक अस्थायी सेना चौकी की स्थापना – उन्होंने युद्ध की कठोर तीव्रता का सामना किया.

गेरेसी बोले , “यह एक डरावनी फिल्म की तरह था.”

जब रात में टिगरिस नदी के पार से दुश्मन की गोलीबारी ने सद्दाम के सभागार को निशाना बनाया, तो उन्होंने कार्रवाई की.

गेरेसी ने याद किया , “हर रात, हम पर गोलीबारी हो रही थी,”  “मैंने सोचा, ‘हमें कुछ करना होगा, नहीं तो सैनिक घायल हो जाएँगे या मारे जाएँगे.'”

गेरेसी ने रात के हमलों को रोकने के लिए जानबूझकर बचाव की रणनीति बनाई और 26 अप्रैल, 2003 को ब्रेवो कंपनी के सैनिकों ने जवाबी हमला किया. छत पर दो दस्तों का नेतृत्व करते हुए, गेरेसी ने गोलीबारी के बीच से ही जवाबी हमला किया और सेना के कॉर्पोरल क्रिस्टोफर गैलिंडो पर हो रही  गोलियों की बौछार के बीच से भागते हुए आगे बढ़े.

“मैं भाग रहा था, सोच रहा था कि अगर मैंने अपना हाथ ऊपर किया, तो मुझे गोली लग जाएगी,” उन्होंने कहा. “मैं चिल्लाया, ‘बंदूक चलाना शुरू करो.'”

इसके बाद हुए हमलों में 15 दुश्मन लड़ाके मारे गए. गेरेसी को उनके अदम्य साहस के लिए वीरता के साथ सेना प्रशस्ति पदक मिला. तब भी, उनका ध्यान अपने सैनिकों को नुकसान से बचाने पर था. इस शुरुआती वीरता ने उनके भविष्य के नेता बनने का पूर्वाभास दिया, जिसने आगे और भी महत्वपूर्ण परीक्षणों के लिए आधार  तैयार किया.

युद्ध में मार्गदर्शन :

गेरेसी का 101 वीं  एयरबोर्न डिवीज़न  की तीसरी  ब्रिगेड कॉम्बैट टीम के साथ दूसरा दौरा उनके संकल्प को और मजबूत कर गया. 2005-2006 की उस तैनाती के दौरान ही उनकी मुलाकात आर्मी नेशनल गार्ड ( army national guard ) के सेकेंड लेफ्टिनेंट पीट हेगसेथ ( pete hegseth ) से हुई, जो प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के स्नातक थे और जिन्होंने इराक के लिए वॉल स्ट्रीट का व्यापार किया था.

गेरेसी ने स्वीकार किया, “मैंने उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया.” “वह प्रशिक्षण से चूक गए, इसलिए मैं चाहता था कि उन्हें वह सब कुछ पता हो जो मैं तब जानता था.”

हेगसेथ की विनम्रता ने उन्हें जीत लिया. गेरेसी के मार्गदर्शन में, हेगसेथ ने खूब तरक्की की और एक ऐसा बंधन बनाया जो बाद में उनकी पेंटागन साझेदारी और नेतृत्व के प्रति हेगसेथ के दृष्टिकोण का आधार बना.

हेगसेथ ने समारोह में अपने पुराने प्रथम सार्जेंट के साथ अपने संबंधों पर बात की.

हेगसेथ ने कहा, “वह मेरे सबसे कठोर आलोचक और मेरे सबसे अच्छे मार्गदर्शक दोनों थे… उन्होंने इसे रूपक और शारीरिक रूप से मेरे दिमाग में गहराई से बैठा दिया.”

हेगसेथ ने  गेरेसी के उनके लिए रखे  उपनाम को याद किया – “राष्ट्रीय कचरा” – यह उनके नेशनल गार्ड की जड़ों पर एक मजेदार प्रहार था, जिससे गेरेसी ने उन्हें “बाहर निकलने का रास्ता बनाया.”

हेगसेथ ने कहा, “उनकी उम्मीदें अविश्वसनीय रूप से अधिक थीं, क्योंकि उन्होंने युद्ध देखा था और चाहते थे कि हम उस कठिन समय के लिए तैयार रहें.”

असाधारण वीरता का दिन:

2007 में गेरेसी का तीसरा दौरा उन्हें द्वितीय स्ट्राइकर कैवेलरी रेजिमेंट की  द्वितीय स्क्वाड्रन की  ईगल कंपनी में ले आया, जहां उनकी प्रतिबद्धता को अंतिम परीक्षा का सामना करना पड़ा. जर्मनी पहुँचकर उन्होंने प्रशिक्षक की भूमिका को अस्वीकार कर दिया. गेरेसी ने कहा, “मैंने इन छोटे बच्चों को देखा – किसी को उनकी देखभाल करनी थी.”

बगदाद के पूर्वी राशिद जिले में एक पूर्व सेमिनरी, जिसे “कैसल” कहा जाता है, कॉम्बैट आउटपोस्ट ब्लैकफुट को सौंपा गया. उन्होंने पाया कि चौकी सुरक्षा के हिसाब से तैयार नहीं थी. पिछले दौरों से सीख लेते हुए, उन्होंने इसे मजबूत बनाया – खिड़कियों पर रेत की बोरियां लगाईं, बंकरों में बुलेटप्रूफ ग्लास लगाए, अतिरिक्त .50-कैलिबर मशीन गन और Mk 19 ग्रेनेड लांचर रखे और छत को छलावरण जाल से ढक दिया.

गेरेसी ने कहा, “हमने दिन-रात काम किया, दुश्मन सोच रहा होगा, ‘वे क्या कर रहे हैं?'”

4 सितंबर, 2007 को अलकायदा के 120 – 150 लड़ाकों ने तीन दिशाओं से  चौकी पर एक ज़बरदस्त  हमला किया जिसमें रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड, मोर्टार और स्नाइपर फायर का इस्तेमाल किया जा रहा था .

विशिष्ट सेवा क्रॉस प्रशस्ति पत्र में लिखा है, “दुश्मन ने तकरीबन  100 मीटर की दूरी से दो रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड और मोर्टार दागे.  जिसके बाद AK-47 राइफल, मशीन गन और स्नाइपर फायर से भारी मात्रा में फायर किया गया.”

कंपनी कमांडर की अनुपस्थिति में, गेरेसी ने प्रथम सार्जेंट का  कार्यभार संभाला:  

प्रशस्ति पत्र में लिखा है कि तब  आर्मी स्पेशलिस्ट रयान होली को गोली लगी थी  और गेरेसी ने होली को सुरक्षित निकालने के लिए खुद को दुश्मन की सीधी गोलीबारी के सामने उजागर किया.  गेरेसी ने छह घंटे से अधिक समय तक बचाव की कमान संभाली.

उन्होंने कहा, “रेडियो पर बात करने, गोलीबारी का निर्देशन करने, हथियारों की जांच करने के बीच मैं गोला-बारूद चला रहा हूं.”

 पुरस्कार प्रशस्ति पत्र में गेरेसी की प्रशंसा “फायरिंग के बीच भी शांत रहने” के लिए की गई है, क्योंकि वह “एक गार्ड टॉवर से दूसरे गार्ड टॉवर तक जाते रहे, सैनिकों को प्रेरित करते रहे,” ग्रेनेड के धुएं के बीच  अपाचे हेलीकॉप्टरों को निर्देशित करते रहे और एजीएम-114 हेलफायर मिसाइल हमलों को अधिकृत करते रहे, जिसने “दुश्मन को पंगु बना दिया.”
प्रशस्ति पत्र में लिखा है कि परिणामस्वरूप, “ईगल कंपनी ने 18 अल-कायदा लड़ाकों को मार गिराया, जबकि कोई अतिरिक्त सैनिक घायल नहीं हुआ.

” गेरेसी के “व्यक्तिगत साहस, असाधारण वीरता और निस्वार्थ सेवा” को श्रेय दिया गया. गेरेसी ने कहा, “अगर हमने वह नहीं किया होता जो हमने किया, तो हम 15, 20 लोगों को खो देते.” “दुश्मन को लगा कि हम तैयार नहीं होंगे, लेकिन वे गलत थे.”

सेवानिवृत्त सार्जेंट मेजर एरिक गेरेसी

पेंटागन में श्रद्धांजलि :

“एरिक एक बर्फीले तूफ़ान के दौरान सर्दियों की रात के बीच में अप्रत्याशित रूप से विलसेक, [जर्मनी] पहुंचे,” यह बात उन रेनेके ने कही  जिन्होंने 2007 में एरिक गेरेसी के  कमांडर के रूप में काम किया था.  “क्योंकि एरिक कैसे पहुँच सकते थे?” उन्होंने गेरेसी के प्रभाव की प्रशंसा की: “आपके साहसी कार्यों ने एक भी अमेरिकी सैनिक की जान गंवाए बिना एक संख्यात्मक रूप से बेहतर दुश्मन को निर्णायक रूप से हरा दिया. ”

स्टील का भाषण जज्बातों  से भरा था.  “हम यहाँ हैं क्योंकि एरिक गार्सिया [गेरेसी] हमें प्रेरित करते हैं,” उन्होंने कहा.  उन्होंने गेरेसी को “एक पक्का  सैनिक और एक सख्त  नेता” कहा, और बोले , “मुझे पृथ्वी पर सबसे बहादुर और सबसे कठोर पुरुषों में से कुछ के साथ सेवा करने का सौभाग्य मिला है … उस सूची में सबसे ऊपर एरिक गेरेसी हैं.” स्टील के शब्दों ने गेरेसी के अपने लोगों पर ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित किया.  उन्होंने कहा, “यह राष्ट्र आपका असाधारण ऋणी है… मैं आपका मित्र बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ.”

हेगसेथ तो स्पष्ट रूप से बेहद भावुक थे.उन्होंने अपने साझा इतिहास के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा, “मैं उन्हें प्रथम सार्जेंट एरिक गेरेसी के रूप में जानता था, वह व्यक्ति जिसने मेरी जिंदगी बदल दी. वह समझते थे कि अराजकता की स्थिति आने पर क्या होगा… [और] 2007 में उस दिन उन्होंने ठीक यही किया.”

हेगसेथ ने गेरेसी की मेंटरशिप को अपनी वर्तमान भूमिका से जोड़ा:
 “जब मुझे इस पद के लिए चुना गया तो मैंने सबसे पहले जिन लोगों को फोन किया उनमें से एक एरिक थे… वे मेरे ठीक बगल में हैं, और हमें ठीक उसी तरह की आवाज़ की ज़रूरत है.”

विनम्र नायक की प्रतिक्रिया :

गेरेसी ने पूछा, “आप अपने उन सभी लोगों से भरे इस कमरे में क्या कहते हैं जिनका आप सबसे अधिक सम्मान करते हैं? “यह पदक मुझे दिया गया है, [लेकिन] यह आप सभी का है.” ईगल कंपनी, द्वितीय स्ट्राइकर कैवलरी रेजिमेंट और दिग्गजों को खड़े होने के लिए कहते हुए, उन्होंने उनके साझा बलिदान का सम्मान किया.

यह एक ऐसा संकेत था जिसे देखकर कमरे में मौजूद कुछ लोगों की आंखों में आंसू आ गए.

उन्होंने कहा, “यह हमेशा सैनिकों के लिए है,” यह एक ऐसे व्यक्ति का मंत्र है जो अपने सैनिकों के लिए जीता है.

सेवा की विरासत :
अब युद्ध-परिष्कृत ज्ञान के साथ एरिक गेरेसी , हेगसेथ को  एक नागरिक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में ,  पेंटागन नीति को आकार देते हैं.

उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सैनिक तैयार हों, [सबसे] सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व, सर्वश्रेष्ठ उपकरण, [और] एक स्पष्ट मिशन के साथ।” “हम [दुश्मन] पर जोरदार प्रहार करेंगे, तेजी से प्रहार करेंगे और [हमारे सैनिकों] को घर ले आएंगे.”

(सौजन्य: यह लेख और फोटो  अमेरिकी रक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए हैं )