मॉस्को में बम धमाके में वरिष्ठ जनरल की मौत, रूस बदला लेने की तैयारी में

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बम धमाके में मारे गए रूसी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव ( फाइल फोटो )
राजधानी  मॉस्को में एक बम से किये गए में रूस की सेना के एक बड़े जनरल इरोव किरिलोव  ( irov kirillov) की जान चली गई . यह हमला उनके  अपार्टमेंट की इमारत के बाहर स्कूटर में छिपाकर रखे गए बम में रिमोट कंट्रोल के जरिए  धमाका करके किया गया . हमले में जनरल इगोर के  एक सहायक की भी जान गई जो उनका ड्राइवर था . यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ( security service of ukraine ) ने इगोर पर  आपराधिक आरोप लगाए थे और  एक यूक्रेनी अधिकारी ने कहा कि इस हमले को एसएसयू  ने अंजाम दिया.
54 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव, रूसी  सेना के परमाणु, जैविक और रासायनिक सुरक्षा बलों (chief of  nuclear, biological and chemical protection forces ) के प्रमुख थे और मंगलवार को अपने घर से कार्यालय के लिए निकलते समय हमले का निशाना बने .
दूसरी तरफ इगोर की हत्या के बाद रूसी सैन्य अधिकारियों की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा के साथ इस हमले का बदला लेने पर उच्च स्तरीय बैठक हो रही हैं.  रूस के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है  कि अब यूक्रेन के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा .
 जनरल इगोर किरिलोव पर यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध में उनके कार्यों के लिए यू.के. और कनाडा सहित कई देशों ने प्रतिबंध लगाए थे. वहीँ मॉस्को ने यूक्रेन पर कई हाई-प्रोफाइल लोगों की हत्या का आरोप लगाते हुए उसे युद्ध अपराध का दोषी करार दिया और कहा कि कीव को इसकी सजा मिलेगी.
 यूक्रेन की सुरक्षा सेवा ( SSU )  ने इगोर के खिलाफ  आपराधिक जांच शुरू की, जिसमें उन पर प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का निर्देश देने का आरोप लगाया गया.

एसएसयू  के एक अधिकारी ने विदेशी मीडिया से कहा कि हमले के पीछे एजेंसी का हाथ है.  अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बात की क्योंकि उन्हें जानकारी जारी करने का अधिकार नहीं था, उन्होंने किरिलोव को “युद्ध अपराधी और पूरी तरह से वैध लक्ष्य” बताया.

वहीँ एसएसयू  ने कहा है कि उसने पाया है कि फरवरी 2022 में आक्रमण के बाद से युद्ध के मैदान में रूस ने 4 800 बार रासायनिक हथियारों ( chemical weapons) का इस्तेमाल किया है .  मई में, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा था  कि उसने यूक्रेनी सैनिकों के खिलाफ उस क्लोरोपिक्रिन  ( chloropicrin) जहरीली गैस का इस्तेमाल दर्ज होते पाया है  जिसका इस्तेमाल पहली बार प्रथम विश्व युद्ध ( first world war ) में किया गया था. लेकिन  रूस ने यूक्रेन में किसी भी रासायनिक हथियार का इस्तेमाल करने से इनकार किया है और बदले में, कीव पर युद्ध में जहरीले तौर तरीकों  का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.

इगोर किरिलोव ने  2017 में  वर्तमान पद संभाला था.   उन्होंने यूक्रेनी सेना पर जहरीले एजेंटों का इस्तेमाल करने और रेडियोधर्मी पदार्थों के साथ हमले शुरू करने की योजना बनाने का आरोप लगाने के लिए कई ब्रीफिंग की थीं जबकि  यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने इसे  दुष्प्रचार बताते हुए   खारिज कर दिया था .
वह जगह जहां बम धमाके से जनरल इगोर पर हमला हुआ .

 रूसी समाचार रिपोर्टों के अनुसार, मंगलवार के हमले में इस्तेमाल किया गया बम दूर से चलाया गया था. घटनास्थल से मिली तस्वीरों में टूटी हुई खिड़कियाँ और दीवारों की जली हुई ईंटें दिखाई दे रही थीं.  यूक्रेन सुरक्षा सेवा  के एक अधिकारी ने वीडियो उपलब्ध कराया है , जिसके बारे में उन्होंने दावा किया  कि यह बमबारी के समय का था.  वीडियो में  दो लोग इमारत से बाहर निकलते हुए दिखाई दे रहे हैं .   ठीक उसी समय  पहले एक धमाका   होता है.

रूस की शीर्ष राज्य जांच एजेंसी ने कहा कि वह जनरल इगोर किरिलोव की मौत को आतंकवाद के मामले के रूप में देख रही है, वहीं मॉस्को में अधिकारियों ने यूक्रेन को दंडित करने की कसम खाई है.

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता वाली रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने इस हमले को कीव द्वारा अपनी सैन्य नाकामियों से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश करार दिया है

पिछले एक साल में, रूस युद्ध में आगे रहा है, भारी नुकसान के बावजूद पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में गहराई से घुस गया है. यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ करके गतिशीलता को बदलने की कोशिश की, लेकिन वह धीरे-धीरे अपने ही क्षेत्र में जमीन खोता जा रहा है.

जब से रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण  किया है, तब से कई प्रमुख व्यक्ति लक्षित हमलों ( target killings ) में मारे गए हैं और इनके   बारे में माना जाता है कि  यूक्रेन ने कराए हैं .