हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय अदालत भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में 17 जुलाई को फैसला सुनाएगी. भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव नौसेना छोड़ने के बाद अपना व्यवसाय कर रहे थे और पाकिस्तान ने उन्हें जासूसी करने के इलज़ाम में गिरफ्तार किया था. पाकिस्तान की फौजी अदालत ने 2017 में कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाई थी जिसके खिलाफ भारत ने अपील की थी. इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने कुलभूषण जाधव की सज़ा पर रोक लगा दी थी और तब से ये केस वहीं चल रहा है.
संयुक्त राष्ट्र के अहम न्यायिक हिस्से के तौर पर काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय अदालत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस (आईसीजे – ICJ) ने जारी सूचना में बताया है कि बुधवार 17 जुलाई 2019 को जाधव केस (भारत बनाम पकिस्तान) में अदालत अपना फैसला देगी. हेग स्थित ‘पीस पैलेस’ में दोपहर बाद तीन बजे खुली अदालत में प्रमुख जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ अदालत का फैसला पढ़ेंगे.
48 वर्षीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने 2016 में गिरफ्तार किया था और आरोप लगाया था कि वो जासूसी करते पकड़े गये और उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियाँ कीं. कुलभूषण जाधव के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य अदालत में केस चलाया गया और इसी अदालत ने उन्हें सज़ा ए मौत का फरमान सुनाया. दूसरी तरफ भारत ने इसे चुनौती दी और पाकिस्तान की तरफ से लगाये गये आरोप सिरे से ख़ारिज कर दिए. भारत का कहना है कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी के लोगों ने ईरान के सीमाई इलाके से कुलभूषण जाधव को अगवा कराया जबकि जाधव वहां कारोबार के सिलसिले में गये हुए थे.
भारत ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए ये भी कहा कि पाकिस्तान ने केस की सुनवाई के दौरान कुलभूषण को जानबूझकर “काउंसलर एक्सेस” से वंचित रखा जोकि अंतर्राष्ट्रीय नियमों के हिसाब से दिया जाना चाहिए था जबकि पाकिस्तान का कहना था कि कुलभूषण जाधव कोई कारोबारी या व्यवसायी नहीं बल्कि जासूस है.