अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन भारत के दौरे पर हैं. अमेरिका में जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकन शिष्टमंडल का ये पहला उच्चस्तरीय दौरा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की 19 मार्च को उनसे मुलाक़ात हुई जिसके बाद ये बयान जारी किया गया :
अमेरिकी रक्षा मंत्री श्री ऑस्टिन को उनकी विदेश तथा भारत में पहली आधिकारिक यात्रा पर रिसीव करना बहुत सम्मान और खुशी की बात है. मैंने उनके कार्यभार संभालने के तुरंत बाद बात की थी. हमारी बातचीत बेहतरीन रही जिसके दौरान मैंने उन्हें जल्द से जल्द भारत आने का न्योता दिया. कोविड-19 वैश्विक महामारी के बावजूद उनकी भारत यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के प्रति अमेरिका की स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
मुझे यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने सचिव ऑस्टिन और उनके शिष्टमंडल के साथ व्यापक और उपयोगी चर्चा की. हम भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए मिलकर काम करने के इच्छुक हैं. आज हमारी बातचीत में हमारे बहुआयामी रक्षा सहयोग और सेवाओं में सैन्य-से-सैन्य संबंधों के विस्तार, सूचना साझा करने, रक्षा के उभरते क्षेत्रों में सहयोग और पारस्परिक रसद सहायता पर ज़ोर दिया गया है.
हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय युद्धाभ्यासों की व्यापक समीक्षा की और अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान, मध्य कमान और अफ्रीकी कमान के साथ सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. यह स्वीकार करते हुए कि हमारे पास मूलभूत समझौते LEMOA, COMCASA और BECA मौजूद हैं, हमने पारस्परिक लाभ के लिए उनकी पूरी क्षमता को साकार करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर बातचीत की.
मैंने एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ एयरो इंडिया 2021 में अमेरिका की भागीदारी के लिए सचिव ऑस्टिन का आभार व्यक्त किया. मैंने अमेरिकी उद्योग जगत को रक्षा क्षेत्र में भारत की उदारीकृत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीतियों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया था. हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि रक्षा उद्योग में सहयोग के अवसर मौजूद हैं.
क्वाड फ्रेमवर्क के तहत भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के हालिया शिखर सम्मेलन में एक स्वतंत्र, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने के हमारे संकल्प पर ज़ोर दिया गया. हमने तेल रिसाव और पर्यावरण संबंधी आपदाओं, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध, असूचित, अनियमित (आईयूयू) मछली पकड़ने आदि जैसी कुछ गैर-पारंपरिक चुनौतियों से निपटने के लिए क्षमता निर्माण में वृद्धि की आवश्यकता पर बातचीत की.
भारत अमेरिका के साथ हमारी सुदृढ़ रक्षा साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. मैं भारत-अमेरिका संबंधों को 21वीं सदी की निर्णायक साझेदारियों में से एक बनाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने हेतु उत्सुक हूं.