चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक चीन की इस नई सैन्य यूनिट को इन्फॉरमेशन सपोर्ट फोर्स ( information support force ) का नाम दिया गया है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों से कहा कि यह स्पेशल यूनिट सेना की एक रणनीतिक इकाई होगी, जिसका काम नेटवर्क इन्फॉरमेशन सिस्टम ( network information system ) को मजबूत करना होगा. शी जिनपिंग चीन के केन्द्रीय सैन्य आयोग के चेयरमेन भी हैं .
चीनी समाचार एजेंसी के मुताबिक जिस कार्यक्रम के दौरान इस स्पेशल सैन्य यूनिट का ऐलान किया गया उसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग ( Xi Jinping )के साथ केंद्रीय सैन्य आयोग के कई वरिष्ठ सदस्य शामिल थे.राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूनिट से वफादारी की मांग करते हुए कहा कि वह पार्टी के आदेश को दृढ़ता से सुनें और ‘ सेना के पूर्ण नेतृत्व ‘ के सिद्धांत और प्रणाली को लागू करे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह यूनिट वफादार और विश्वसनीय है.
चीन के रक्षा मंत्रालय ने नई यूनिट के गठन पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जिसमें प्रवक्ता वू कियान ने कहा कि नए सुधार के तहत अब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( people’s liberation army ) के पास चार सर्विसेज हैं, जिसमें सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट फोर्स शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि चार सर्विसेज के अलावा पीएलए के पास चार आर्म्स भी हैं, जिसमें एयरोस्पेस फोर्स, साबिर स्पेस फोर्स, इन्फॉर्मेशन सपोर्ट फोर्स और ज्वाइंट लॉजिस्टिक सपोर्ट फोर्स (joint logistic support ) शामिल हैं.
प्रवक्ता वू ने बताया कि एयरोस्पेस फोर्स की मदद से चीन अंतरिक्ष में खुद को मजबूत करेगा, जबकि साइबरस्पेस फोर्स, देश को साइबर हमलों से बचाएगी और डेटा की सुरक्षा ( data security) करने में मदद करेगी.
हालांकि उन्होंने नई यूनिट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी. सेना के अखबार पीएलए डेली ( pla daily) ने कहा कि आधुनिक युद्ध में जीत सूचना पर निर्भर करती है, ऐसी स्थिति में जिसके पास बेहतर जानकारी होगी वह युद्ध में बढ़त हासिल करेगा.