पाकिस्तान के पंजाब में ईद के दिन सेना और पुलिस में भिड़ंत पर बवाल

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प्रतिनिधित्व हेतु तस्वीर
ईद के दिन पाकिस्तान के  बहावलपुर  में पाकिस्तानी सैनिकों का थाने में घुस कर पंजाब पुलिस के जवानों पर हमला करने और उन्हें पीटते हुए दिखाने वाले कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए.  इनमें से एक वीडियो में एक व्यक्ति को खून से लथपथ नाक के साथ जमीन पर बैठा दिखाया गया है तो एक अन्य क्लिप में एक शख्स और दो सैनिकों  को पुलिसकर्मियों को कतार में घुटनों के बल बैठने के लिए मजबूर करते हुए दिखाया गया है.

कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया कि इस  घटना की जड़  पुलिस की तरफ से एक सैनिक के रिश्तेदार के पास से अवैध हथियार बरामद करने वाले केस से जुडी है . पुलिस ने इस मामले में छापा मारा और कुछ लोगों को गिफ्त्तार कर लिया . इसकी गुस्साए  सैनिकों ने प्रतिक्रिया में ,  मिलकर थाने पर धावा बोल दिया . हालांकि पाकिस्तान के कुछेक  मीडिया ने भी इस  घटना के वीडियो को अपुष्ट कहा है .

घटना के तीन दिन बाद पंजाब पुलिस और पाकिस्तान की सेना  ( pakistan army ) ने चुप्पी तोड़ी है और इसे ‘ झूठा प्रोपेगंडा ‘ बताया  है और कथित “फर्जी प्रचार” की निंदा की थी. पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक बयान में कहा, “बहावलनगर का यह मामला, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, उसे  संदर्भ से बाहर का है और बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है.”

वहीँ पाकिस्तान सेना के  इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) अनुभाग ने  कथित घटना का कोई विवरण दिए बिना  कहा: “हाल ही में बहावलनगर में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिसे सैन्य और पुलिस अधिकारियों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से तुरंत संबोधित और हल किया गया था. आईएसपीआर ने कहा, “इसके बावजूद, निहित उद्देश्यों वाले कुछ गुटों ने राज्य संस्थानों और सरकारी विभागों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए सोशल मीडिया पर तीखा प्रचार करना शुरू कर दिया. ”

इसमें कहा गया है, “निष्पक्ष और जानबूझकर जांच सुनिश्चित करने और कानूनों के उल्लंघन और अधिकार के दुरुपयोग के लिए जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिए, तथ्यों का पता लगाने और जिम्मेदारी बांटने के लिए सुरक्षा और पुलिस अधिकारियों की एक संयुक्त जांच की जाएगी।”

पंजाब आईजी का कहना है कि घटना ‘प्रोटोकॉल का पालन न करने’ के कारण हुई. इस बीच, पंजाब के महानिरीक्षक (आईजी) डॉ. उस्मान अनवर ने कहा कि प्रांतीय पुलिस बल का मनोबल ही वह आधार था जिसके आधार पर आतंकवादियों और डकैतों के खिलाफ कार्रवाई की गई.”

एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में आईजी ने कहा कि बहावलनगर की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर सेना और पुलिस के बीच संघर्ष का आभास देने की कोशिश की गई.उन्होंने कहा, “तत्काल कार्रवाई की गई और बहावलपुर क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी (आरपीओ RPO) और स्थानीय सेना कमान ने क्षेत्र का दौरा किया।”

आईजी ने कहा कि वह एक प्रतिबंधित संगठन का बयान था, उसकी तस्वीर साझा करते हुए आईजी ने कहा कि उसने इस घटना का इस्तेमाल संस्थानों के बीच संघर्ष पैदा करने के लिए किया और लोगों को यह दिखाने की कोशिश कर रहा था कि “हम आपस में लड़ रहे हैं और दुश्मन के पीछे नहीं जाएंगे.” ” उन्होंने कहा कि कुछ वीडियो बिना संदर्भ के दिखाए गए जबकि पुराने भी पोस्ट किए गए, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब पुलिस में “हताशा ” हुई.

घटना के बारे में बोलते  हुए पंजाब पुलिस प्रमुख ( punjab police chief  )  ने कहा कि विशेष पहल करके  पुलिस स्टेशन बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि मानक संचालन प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया, जिसके परिणामस्वरूप “प्रतिक्रिया” हुई.उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र का दौरा किया, एक साथ बैठे और इस धारणा को मिटाने के लिए ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’, ‘सेना जिंदाबाद’ और ‘पंजाब पुलिस जिंदाबाद’ के नारे लगाए।

आईजी ने कहा कि दोनों संस्थानों ने विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने कहा, “और इस संबंध में एक संयुक्त जांच भी स्थापित की गई है ताकि न्याय की सभी आवश्यकताएं पूरी हो सके. ”

इस बीच एक हास्यास्पद घटना यह भी हुई कि पाकिस्तान सेना के आईएसपीआर ( ispr ) ने  एक फोटो जारी की जिसमें कुछ वरिष्ठ फौजी अफसर अस्पताल में भर्ती  बिस्तर पर पड़े एक घायल पुलिस अधिकारी का हाल जानने गए हैं . फोटो के ज़रिये यह संदेश देने और साबित करने की कोशिश की गई है कि पुलिस व सेना के बीच सौहार्द है और मसला सुलट गया है . लेकिन हैरानी तब हुई जब  पाकिस्तान के   एक वरिष्ठ पत्रकार ने अपने यू ट्यूब चैनल पर इस फोटो को ऐसी पोल पट्टी खोली कि सेना की छीछालेदर हो गई.  उसने दावा किया यह फोटो  तकरीबन साल भर पुरानी है और बहावलनगर से या वहां ईद के दिन हुई मारपीट वाली घटना से इसका कुछ लेना देना नहीं है. यह फोटो कराची के एक अस्पताल  की बताई गई.