महामारी कोरोना वायरस के इलाज के लिए पंजाब के एक अस्पताल में भर्ती मरीज़ के लिए पंजाब पुलिस ने देवदूत बन खूब तारीफ़ बटोरी जब बेहद नाज़ुक दौर में पहुँच गये मरीज़ को वक्त रहते एक शहर के अस्पताल से दूसरे शहर के अस्पताल में पहुंचाने के लिए ‘हरा गलियारा’ बनाया. अंकुर गुप्ता नाम के इस मरीज़ के फेफड़ों ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण काम करना तकरीबन बंद ही कर दिया था लेकिन वक्त पर मिली मदद ने अंकुर के लिए उम्मीद की किरण जगा दी.
अंकुर गुप्ता दरअसल जलंधर में पठानकोट चौक के पास श्रीमान सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती थे. पांच मई को उनकी कोविड 19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से यहाँ उनका इलाज चल रहा था लेकिन उनकी हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों को उन्हें फ़ौरन ईसीएमओ (एक्स्ट्राकोर्पोरिअल मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनियन- Extracorporeal Membrane Oxygenayion) बेड पर शिफ्ट करने की ज़रूरत महसूस हुई लेकिन न तो उस अस्पताल में ये उपलब्ध था और न ही आसपास के किसी और अस्पताल में. दूसरी तरफ अंकुर को बचाने के लिए और कोई उपाय नहीं दिखाई दे रहा था.
ये ऐसी व्यवस्था होती है जो कृत्रिम फेफड़े का काम करती है. इसकी सहायता की जब ज़रुरत पड़ती तब ऐसी स्थिति में मरीज़ के जीवन के लिए एक एक मिनट कीमती माना जाता है. इसी बीच एक अच्छी सूचना मिली की ईसीएमओ बीएड लुधियाना के एसपीएस अपोलो अस्पताल में उपलब्ध है लेकिन ये फासला तकरीबन 70 किलोमीटर का था. ऐसे में पुलिस की मदद माँगी गई.
कोविड 19 महामारी में अपने कई अधिकारी और जवानों को खो चुकी पंजाब पुलिस ने, मामले की नजाकत को देखते हुए, मरीज़ अंकुर गुप्ता को जल्दी से जल्दी लुधियाना के एसपीएस अपोलो अस्पताल में पहुँचाने का बीड़ा उठाया. जलन्धर की डिवीज़न नम्बर 8 के एसएचओ रविंदर कुमार का कहना है कि शनिवार की सुबह 9.45 बजे उन्हें मरीज़ को शिफ्ट करने के बारे में सूचना मिली थी. एम्बुलेंस को तुरंत लुधियाना पहुंचाने के लिए पुलिस ने उस रूट पर इंतज़ाम कर दिए.
जलंधर पुलिस ने रूट पर ग्रीन कॉरिडोर बनाया. बिना कहीं रुके अधिकतम गति लेकिन सुरक्षित तरीके से एम्बुलेंस को पीऐपी और रामा मंदी से निकाल गया जिसे आगे लुधियाना की पुलिस ने एस्कॉर्ट करते हुए अस्पताल पहुँचाया. तब समय था 10.15 बजे का यानि ये रास्ता तय हुआ सिर्फ 40 मिनट में. जलंधर पुलिस के इस सहयोग के लिए सब लोग तारीफ कर रहे हैं.