शौर्य चक्र से सम्मानित फौजी हीरो अब लड़ रहा है एक और युद्ध

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मेजर राकेश शर्मा
आइसोलेशन में ऑक्सीजन, भाप लेने के लिए स्टीमर और दवाएं आदि लोगों को मुहैया कराने की तैयारी. दाएं मेजर राकेश शर्मा.

कश्मीर में देश के दुश्मन आतंकवादियों से आमने सामने की लड़ाई में शूरवीरता और साहस के बूते पर हासिल की गई उपलब्धि की वजह से शौर्य चक्र से सम्मानित भारतीय सेना के मेजर राकेश शर्मा अपने कुछ साथियों के साथ एक न दिखाई देने वाले दुश्मन से अपनों को बचाने की लड़ाई के मैदान में उतरे हैं. जन्मस्थली हिमाचल प्रदेश और कर्मस्थली कश्मीर भी रही लेकिन वह ये लड़ाई उत्तराखण्ड की पहाड़ियों में लड़ रहे हैं. लड़ाई उस खतरनाक होते जा रहे कोरोना वायरस से उन ग्रामीणों को बचाने की है जिन्हें अपने घरों के आसपास तो क्या मीलों दूर तक बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा तक मयस्सर नहीं है. ऐसे में उनको बचाने का बीड़ा उठाया है मेजर राकेश शर्मा और उनके उन साथियों ने जिन्होंने भारतीय सेना में रह कर बरसों देश सेवा की.

मेजर राकेश शर्मा
उत्तराखण्ड के पौड़ी इलाके के दूरदराज़ के गाँवों के बाशिंदों को महामारी कोरोना वायरस से बचाने में अपने दल के साथ जुटे मेजर राकेश शर्मा और उनके साथी.

कहते हैं एक बार फौजी मतलब हमेशा फौजी. मेजर राकेश और उनके साथियों पर भी ये बात लागू होती है, जिन्हें सेना की सेवा छोड़े बरसों हो चुके हैं, लेकिन देश के लिए और इंसानियत के लिए कुछ हमेशा करते रहने के जज्बे में लेशमात्र भी फर्क नहीं आया. मेजर राकेश और उनके कुछ साथियों का ये दल उत्तराखण्ड के पौड़ी इलाके के दूरदराज़ के गाँवों के बाशिंदों को महामारी कोरोना वायरस (कोविड 19 ) से बचाने के लिए तकरीबन महीने भर से जुटा हुआ है.

मेजर राकेश शर्मा
उत्तराखण्ड के पौड़ी इलाके के दूरदराज़ के गाँवों के बाशिंदों को महामारी कोरोना वायरस से बचाने में अपने दल के साथ जुटे मेजर राकेश शर्मा और उनके साथी.

मास्क और सेनिटाइज़र बांटने के साथ साथ जहां ये लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक कर रहे हैं वहीं बीमारों की दवा और खुराक का बन्दोबस्त भी करवाने से परहेज़ नहीं करते. कोविड 19 बीमारी फैलाने वाले बहुरूपिये कोरोना वायरस से बचने के उपायों को अमल में लाने के तरीके ये दल गाँव वालों को बताता है. बीमार होने की सूरत में उस व्यक्ति के आइसोलेशन (एकांतवास) का भी ये बन्दोबस्त करवाते हैं. इन सब काम के लिए वे खुद से या अपनों से सामान और साधन जुटाते हैं.

मेजर राकेश शर्मा
मास्क और सेनिटाइज़र बांटने में लगे वालंटियर

सैन्य अनुभव काम आया :

मेजर राकेश शर्मा बताते हैं कि इसके लिए उन्होंने ऋषिकेश के एक होटल को अपना बेस बनाया हुआ है. वहीं पर सारा सामान भी इकट्ठा किया जाता है. राकेश शर्मा बताते हैं कि अब तक उनका उत्तराखंड में तकरीबन 100 वालंटियर का ग्रुप तैयार हो चुका है जो काम कर रहा है. कुछ लोग ऑनलाइन काम करते हैं तो कई ऑन ग्राउंड. इनमें ज़्यादातर समन्वय का काम दिल्ली एनसीआर और देहरादून के नौजवान कर रहे हैं. इनमें कई रिटायर्ड सैन्य अधिकारी भी हैं. सेना के इन हीरो को बॉलीवुड के हीरो मनोज वाजपेयी का भी समर्थन मिला है.

मेजर राकेश शर्मा
मास्क और सेनिटाइज़र बांटने में लगे वालंटियर

यूँ चल रही है कोरोना से जंग :

मेजर राकेश शर्मा बताते हैं, ” हम दो मोर्चों पर काम कर रहे हैं- पहला, इससे पहले कि गाँव में कोरोना की घुसपैठ हो हम लोगों को बता रहे हैं कि उससे कैसे बचें. दूसरा मोर्चा है – जहां जहां कोरोना वायरस ने लोगों को चपेट में लिया है वहां के लोगों के लिए आइसोलेशन में ऑक्सीजन, भाप लेने के लिए स्टीमर और दवाएं आदि मुहैया कराना”. सामान का बन्दोबस्त करना तो मुश्किल होता ही है लेकिन राकेश शर्मा बताते हैं कि ऊँचे पहाड़ पर रह रहे लोगों तक सामान पहुँचाना भी चुनौती होता है एवरेस्ट की चढ़ाई कर चुके फौजी पर्वतारोही हवलदार सुदेश भट्ट इस काम में समन्वयक बने हुए हैं. सेवानिवृत्त कर्नल हेमंत साह, लेफ्टिनेंट कर्नल त्रिलोक शर्मा, मेजर आदित्य सिंह जैसे साथी भी उन्हें मिले हुए हैं.

मेजर राकेश शर्मा
मेजर राकेश शर्मा : पहाडों में जरूरतमंदों की निस्वार्थ सेवा में जुटे.

मेजर राकेश शर्मा :

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के डूहक गाँव में 1972 में जन्मे मेजर राकेश ने 1995 से लेकर 2005 तक भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में सेवा के दौरान विभिन्न ऑपरेशंस में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कई बार अपनी वीरता और साहस का परिचय देने वाले कारनामे किये. सेना छोड़ने के बाद भी वह सेना से जुड़े रहे. शहीदों के परिवारों के लिए कल्याण के काम करने के साथ साथ उन्होने गरीब- ज़रूरतमंद बच्चों के लिए दिल्ली में ‘शौर्य स्कूल” की शुरुआत भी की. मेजर शर्मा के किये गए काम ही बोलते हैं जब उनके गाँव की सड़क से गुज़रा जाये. उस सड़क का नाम ही मेजर राकेश शर्मा मार्ग रख दिया गया है

मेजर राकेश शर्मा
जब राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने मेजर राकेश शर्मा को शौर्य चक्र से नवाजा.