‘सेवा और निष्ठा’ ध्येय वाक्य के साथ मैदान में उतरने वाले केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मंगलवार की देर रात अचानक दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल पहुंचे. अपनी ड्यूटी की तैनाती के लिए नहीं, अपना रक्त दान करने के लिए ताकि यहाँ मरीजों के लिए खून की कमी न हो. उन्होंने यहाँ के ब्लड बैंक में आकर रक्तदान किया. उत्तर पूर्व दिल्ली में ये अस्पताल उसी इलाके के नजदीक सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है जो दंगा प्रभावित हैं. इन इलाकों में हिंसा के शिकार हुए सबसे ज्यादा घायल गुरु तेग बहादुर अस्पताल में ही लाये जाते हैं. ऐसे हालात में यहाँ ज़्यादा खून की ज़रूरत ज़्यादा हो सकती है.
रक्तदान करने के बाद यहाँ से जाते जाते इस जवानों ने वादा किया कि जरूरत पड़ने पर और भी रक्त का इंतजाम कर देंगे. यहीं पर नही बृहस्पतिवार को सीआरपीएफ जवानों के एक और दस्ते ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS – एम्स) में भी जाकर रक्तदान किया. इनकी तादाद दर्ज़नों में नहीं सैकड़ों में थी. कुल मिलाकर 500 जवानों ने यहाँ आज रक्तदान किया.
सीआरपीएफ की तरफ से जारी एक प्रेस बयान में बताया कि साल 2019 में सीआरपीएफ ने पूरे भारत में 154 रक्तदान शिविर लगाये जिनमें 6959 जवानों ने अपना खून दिया. सीआरपीएफ के महानिदेशक डा ए पी माहेश्वरी के आह्वान के बाद, 19 मार्च को सीआरपीएफ की 81 वीं सालगिरह के मौके पर, बल के हरेक केंद्र पर रक्तदान शिविरों की श्रृंखला की शुरुआत की गई है.