भारत चीन सीमा पर सुरक्षा में तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP – आईटीबीपी) भी कोरोना वायरस (COVID -19) से लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर आ गई है. आईटीबीपी ने मेडिकल सेवा से जुड़े अपने कर्मियों के लिए उत्तम गुणवत्ता के व्यक्तिगत बचाव वाले साजो सामान यानि पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई -PPE ) और मॉस्क तैयार किए हैं. यही नहीं, इनकी कीमत बाजार में मिलने वाले PPE के मुकाबले काफी कम बताई गई है.
आईटीबीपी में तकरीबन के 400 डॉक्टर हैं और लगभग 2000 पैरामेडिकल स्टाफ है. फिलहाल आईटीबीपी ने अपने क्वारंटाइन सेंटर और अस्पतालों में इस सामान की सप्लाई के लिए काम शुरू किया है. इसकी ज़रुरत पूरी होने के बाद और लोगों को भी ये सप्लाई की जायेगी.
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने कहा कि लोगों के बीच राशन बांटने और उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में जागरूक करने की दिशा में आईटीबीपी के अधिकारी और जवान शुरू से ही जुटे हए हैं. अब इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए आईटीबीपी की एसएस बटालियन ने अपने फेब्रिकेशन सेंटर में पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट और मॉस्क बनाने शुरू कर दिए हैं. इस यूनिट में अभी तक अभी तक करीब 1000 पीपीई और 2000 मास्क तैयार हो चुके हैं जिनकी खासियत गुणवत्ता के मामले में इनका तय मानकों पर खरे उतरना है.
आईटीबीपी ने इन्हें तैयार करने से पहले एनआईटीआरए और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AII MS -एम्स) के तकनीकी विशेषज्ञों के सामने इनका ट्रायल किया गया था. इन संस्थानों से मंज़ूरी मिलने के बाद इस संवेदनशील और ज़रूरी सामान को बनाने की शुरुआत की गई है.