कोरोना वायरस (COVID 19) के मरीजों के इलाज में ब्रिटेन ने चीन का रिकार्ड तोड़ दिया है. ब्रिटिश सेना ने सिर्फ 9 दिन में चौबीसों घंटे कड़ी मशक्कत करके 4000 बिस्तर वाला अस्थायी अस्पताल बना डाला है. लंदन में बनाये गये राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के इस अस्पताल का नाम युद्ध में घायल हुए सैनिकों की सेवा की वजह से जानी जाने वाली नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल के नाम पर रखा गया है. ब्रिटेन में और खासतौर से लंदन में कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है और इनकी मृत्यु दर भी ज्यादा है. इस हालात को देखते हुए यहाँ की सरकार ने सेना की इस काम में मदद ली है.
ब्रिटेन के सैनिकों ने न सिर्फ 4000 बिस्तर का ये अस्पताल 9 दिन में बनाया बल्कि बुधवार से यहाँ मरीजों का इलाज भी शुरू कर दिया गया है. अभी 500 बिस्तर मरीजों के इलाज के लिए तैयार हैं और बाकी भी रफ्तार से तैयार किये जा रहे हैं.
दिसंबर में जब चीन में कोरोना वायरस की पहचान हुई थी तो उसके बाद चीन ने हालात से निपटने के लिए 10 दिन के अन्दर 1000 बिस्तर का अस्थायी अस्पताल तैयार कर दिया था. ब्रिटेन में तो कोरोना वायरस संक्रमण से तो हालात यहां तक खराब हो गए कि यहाँ के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी नावेल कोविड -19 की चपेट में आ गए थे जिसके बाद उन्होंने खुद को क्वारंटाइन (एकांतवास में) कर लिया था.
राजधानी लंदन के पूर्वी छोर में डॉकलैंड जिले में एक्सेल कन्वेंशन सेंटर को असल में अस्पताल में तब्दील किया गया है. यहाँ अस्पताल के दो हिस्से हैं जिनमें दो-दो हजार बेड वाले दो वार्ड बनाए गए हैं. हरेक बेड वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ है. इस काम में सेना के 200 जवान लगाये गये. ब्रिटिश सेना के कर्नल एशले बोरेम को अस्पताल बनाने की जिम्मेदारी दी गई. कर्नल एशले बोरेम दो बार इराक का और एक बार अफनागिस्तान का दौरा कर चुके है. कर्नल एशले का कहना है कि ये उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा मिशन बना गया था. कर्नल एशले ने बताया कि ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस अस्पताल परियोजना का नेतृत्व कर रही है. कर्नल एशले 1992 में ब्रिटिश सेना में भर्ती हुए थे. वह इसी साल रिटायर भी होने वाले हैं.