कुटरू क्षेत्र अबूझमाड़ ( abujhmad ) के पास है जिसका क्षेत्रफल काफी बड़ा है. इसे भारत के शीर्ष माओवादी नेताओं के लिए आखिरी पनाहगाह कहा जाता है.
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मी सोमवार दोपहर करीब 2.15 बजे अंबेली गांव के पास कुटरू- बेदरे रोड पर 12 वाहनों में यात्रा कर रहे थे, तभी माओवादियों ने एक आईईडी विस्फोट किया, जिससे एक वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. यह वाहन दरअसल किराए की निजी एसयूवी थी. विस्फोट का असर इतना भयानक था कि वाहन के हिस्से विस्फोट स्थल से कुछ सौ मीटर दूर तक छितरे मिले . धमाके के कारण 25-30 फीट चौड़ा और 10 फीट गहरा गड्ढा भी हो गया.
पुलिस ने बताया कि माओवादी जंगल में छिपे हुए थे और वाहनों की आवाजाही पर नज़र रख रहे थे और जब यह वाहन उसके ऊपर से गुज़र रहा था, तो उन्होंने आईईडी ट्रिगर कर दिया.
पुलिस उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप ने कहा, “हमें संदेह है कि 60-70 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. फोरेंसिक विशेषज्ञ इस बारे में ज़्यादा बता पाएंगे. विस्फोट करने के लिए इस्तेमाल किया गया तार पुराना लग रहा है और तार के ऊपर की सतह पर हरी घास थी, जो दर्शाता है कि यह बहुत पुराना आईईडी था. सड़क कंक्रीट और बिटुमिन से बनी है.”
डीआईजी कश्यप ने माना कि “कहीं न कहीं कोई गलती हुई है” जिसके कारण सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे वाहन पर हमला हुआ. उन्होंने कहा, “हम इसका विश्लेषण करेंगे.”
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह घटना सड़क खोलने वाली पार्टी (आरओपी – ROP ) तैनात होने के बावजूद हुई. आरओपी में सुरक्षाकर्मी जंगल में सड़कों के किनारे की छानबीन करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उस सड़क पर वाहन भेजने से पहले कोई नक्सली छिपा हुआ न हो.
अप्रैल 2023 में दंतेवाड़ा के अरनपुर में एक ऑपरेशन से लौटते समय 10 डीआरजी (DRG) जवानों की जान गई थी . उस हमले के बाद लिए गए सबक में से एक यह था कि सुरक्षाकर्मी बड़ी गाड़ियों में जाने से बचें और बड़ी संख्या में हताहतों से बचने के लिए मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करें.