नक्सलियों का हमला : सीआरपीएफ के 3 जवानों की जान गई , अधिकारियों समेत कई घायल

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छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जवान

छत्तीसगढ़ में सुकमा-बीजापुर सीमा पर नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ) के 3 जवानों ने प्राण गवा दिए और 15 अन्य घायल हो गए. कुछ घायलों की हालत नाज़ुक है . घायलों में सीआरपीएफ के दो अधिकारी भी शामिल हैं .  यह घटना मंगलवार को टेकलगुडेम गांव के पास तब  हुई, जब यहां कैंप स्थापित करने के बाद सीआरपीएफ और डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड ( डी आर जी – DRG ) सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम तलाशी अभियान पर निकली थी.

मृतकों की  पहचान  सीआरपीएफ  की 201 कोबरा बटालियन के  कांस्टेबल देवन सी , कांस्टेबल  पवन कुमार  और सीआरपीएफ की 150 बटालियन के कांस्टेबल  लंबाधर सिंघा के रूप में की गई है.  घायलों में दो कोबरा अधिकारी डिप्टी कमांडेंट लखवीर और सहायक कमांडेंट राजेश पांचाल शामिल हैं. घायलों को इलाज के लिए जगदलपुर और रायपुर भेजा गया है.   मंगलवार शाम समाचार लिखे जाने तक यहां कार्रवाई जारी थी.

छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने बताया कि माओवादियों की तरफ से किये गए हमले का सुरक्षा बलोंने जवाब दिया था. इसमें हमलावरों को भी काफी क्षति हुई है. मौके के जो  कुछ वीडियो मिले हैं उनका आकलन किया जा रहा है. कुछ हमलावर अपने साथियों के शव उठाकर ले जाते देखे गए हैं .

दरअसल कोबरा की 201 बटालियन और सीआरपीएफ की 150 बटालियन की एक टीम फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी – FOB ) स्थापित करने के लिए इस इलाके  में काम कर रही थी. मंगलवार ( 30 जनवरी ) को  जब दोपहर 1 बजे के आसपास गोलीबारी शुरू हुई.   माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर  हमले के दौरान बीजीएल (BGL) कहलाने वाले  रॉकेट के आकार के दर्जनों बैरल दागे और भारी गोलीबारी की.

श्री जुनेजा ने कहा कि हम नक्सल प्रभावित अंदरूनी हिस्सों में सुरक्षा बलों के कैम्प स्थापित करने में जुटे हैं ताकि वहां रहने वाले लोगों तक जीवन यापन के लिए ज़रूरी सेवाएं मुहैया कराने में मदद मिल सके . उन्होंने कहा कि यह काम जोरशोर से जारी रहेगा.

इस क्षेत्र में माओवादियों की उस पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की पहली बटालियन का वर्चस्व बताया जाता  है  जो सुरक्षा बलों के खिलाफ कई दुस्साहसिक हमलों को अंजाम देने के लिए जानी जाती है.  बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि झड़प उसी स्थान पर हुई जहां 2021 में एक हमले में 23 जवानों की जान चली गई थी. इसमें 33 सुरक्षाकर्मी घायल भी हुए थे.

इससे पहले दिन में, सुरक्षा बलों ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए दो  विस्फोटक उपकरण बरामद कर एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया था. पुलिस ने बताया  कि यह बम छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में ऐसी जगह छिपाकर लगाए गए थे  जहां से सुरक्षा बल के जवानों को गश्त के दौरान गुज़ारना होता है . इन बमों में से एक का वजन 5 किलो और दूसरे का 3 किलो था. बम निष्क्रिय दस्ते ने बमों को निष्क्रिय कर डाला.