केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई-CBI) का निदेशक तय करने के लिये गुरुवार (24 जनवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में अगर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी रीना मित्रा के नाम पर सहमति बनी तो वह, देश की सबसे अहम माने जानी वाली हाई प्रोफाइल जांच एजेंसी, सीबीआई की पहली महिला बॉस होंगी. रीना मित्रा का नाम उन दर्जन भर अधिकारियों की फेहरिस्त में शामिल है जो वरिष्ठता और अनुभव को ध्यान में रखकर तैयार की गई है और जिस पर तीन सलेक्ट कमेटी को विचार करना है.
भारतीय पुलिस सेवा की मध्य प्रदेश कैडर के 1983 बैच की अधिकारी रीना मित्रा वर्तमान में गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) है. सीबीआई में तकरीबन पांच साल अधीक्षक रहीं रीना मित्रा वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो की प्रमुख भी रही हैं. पश्चिम बंगाल में जन्मी आईपीएस रीना मित्रा की पैदायश और पढ़ाई-लिखाई पश्चिम बंगाल की है.
1 सितम्बर 1959 को जन्मीं 59 वर्षीय रीना मित्रा मध्य प्रदेश पुलिस में कई अहम ओहदों के अलावा सीमा सुरक्षा बल (BSF) में विशेष महानिदेशक तो रही ही हैं. उन्होंने पुलिस अनुसन्धान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) और दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ क्रिमिनोलाजी एंड फोरेंसिक साइंस (NICFS) के डायरेक्टर यानि प्रमुख के तौर पर भी काम किया है.
रीना मित्रा भारतीय रेलवे बोर्ड में विजिलेंस डायरेक्टर का काम भी देख चुकी हैं और उनका रिकार्ड भी काफी साफ़ सुथरा है. पुलिस मेडल और राष्ट्रपति के पुलिस मेडल से भी वह सम्मानित हैं. जांच से लेकर सुरक्षा और प्रशासनिक अनुभव की काबिलियत के साथ साथ वर्तमान हालात भी कुछ हद तक उनके पक्ष में जाते हैं.
सीबीआई में विवाद के बाद जिस तरह निदेशक आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर गुजरात कैडर की आईपीएस राकेश अस्थाना की रुखसती हुई और जिस तरह से अफसरों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के इलज़ाम लगाये, साथ ही सुप्रीम कोर्ट तक में सरकार के रुख पर अंगुली उठी, उससे सीबीआई की छवि के साथ साथ इसकी स्वायत्तता को लेकर सरकार की भूमिका भी शक के दायरे में आई. ऐसे में माना जा रहा है कि देश को एक महिला रक्षा मंत्री देने वाली ये सरकार वाह-वाही हासिल करने के लिए भी सीबीआई को भी पहला महिला प्रमुख दे सकने के मौके का फायदा उठायेगी.