विक्रम श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस थे लेकिन उन्होंने भारत के विभिन्न पुलिस बलों में सेवा करके अहम योगदान दिया. केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल ( central reserve police force ) के प्रमुख के अलावा उन्होंने सशस्त्र सीमा बल और पुलिस अनुसन्धान एवम विकास व्यूरो ( bureau for police research and development ) का भी नेतृत्व संभाला. वह बीपीआरडी ( bprd) के महानिदेशक के पद से 2012 में रिटायर हुए थे. उन्होंने केंद्र में विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) में भी काम किया
विक्रम श्रीवास्तव उस वक्त सीआरपीएफ के महानिदेशक थे , जब 6 अप्रैल 2010 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बल पर अब तक का सबसे घातक नक्सली हमला हुआ था. इस हमले में सीआरपीएफ के 75 कर्मियों की जान गई थी. यह सीआरपीएफ के साथ ही आईपीएस विक्रम श्रीवास्तव के लिए भी गंभीर झटका था . इस हमले में छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस के एक अधिकारी के भी प्राण गए थे. इसी घटना के 6 महीने बाद अक्टूबर में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने विक्रम श्रीवास्तव का बीपीआरडी में तबादला कर दिया था.
विक्रम श्रीवास्तव को एक “दूरदर्शी” आईपीएस अधिकारी के रूप में याद किया जाता था. कई अधिकारी उनको उन सभी बलों को मजबूत करने का श्रेय देते हैं जिनका उन्होंने नेतृत्व किया या जिनमें उन्होंने अपनी सेवा दी. कठिन क्षेत्रों में तैनात कर्मियों के लिए, उन्होंने बुनियादी ज़रूरत वाले सामान जैसे सर्दियों के लिए विशेष कपड़े, बेहतर जूते, गर्म भोजन परोसने के लिए फूड वैन, उपकरण और गैजेट खरीदने के लिए ख़ास कोशिशें कीं .
सीआरपीएफ ( crpf ) ने अपने एक्स ( X ) हैंडल @crpfindia पर आईपीएस विक्रम श्रीवास्तव को श्रद्धांजलि देते हुए एक संदेश पोस्ट किया है – “गहरी दुःख के साथ हम पूर्व डीजी सीआरपीएफ श्री विक्रम श्रीवास्तव को अंतिम विदाई देते हैं, वह एक ऐसे नेता थे जिनकी दूरदर्शिता, समर्पण और अडिग प्रतिबद्धता ने बल पर अमिट छाप छोड़ी. सीआरपीएफ के सभी अधिकारी और जवान उनकी प्रशंसा करते हैं, उनके नेतृत्व ने पीढ़ियों को प्रेरित किया. ”
सीआरपीएफ शुक्रवार को गांधीनगर में अपने समूह केंद्र ( group centre ) में एक शोक सभा आयोजित करेगा जिसमें वर्तमान महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह शामिल होंगे.