दो साल से हिंसाग्रस्त मणिपुर में सीआरपीएफ के नए डीजी जीपी सिंह का पहला दौरा

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सीआरपीएफ महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने मणिपुर दौरे के दौरान बल की विभिन्न यूनिटों का दौरा किया

भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी ज्ञानेंद प्रताप सिंह  केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल के  महानिदेशक  ( dg of crpf ) का ओहदा संभालने के बाद पहली मणिपुर पहुंचे जो लम्बे समय से हिंसाग्रस्त है . बीते हफ्ते ही  इस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है और हाल ही में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में सीआरपीएफ के एक जवान ने अपने दो साथियों को गोली मारने के बाद यहां खुदकुशी कर ली थी  .

भारत के सबसे बड़े अर्द्ध सैनिक बल सीआरपीएफ की  मणिपुर में 210 कम्पनियां यानि  विभिन्न यूनिट हैं और यहां कुल मिलाकर इस बल के तकरीबन बीस हज़ार से ज्यादा जवान हैं.

आईपीएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह   ( ips gyanendra pratap singh )  यहां तीन दिन के आधिकारिक दौरे पर 20 फरवरी को पहुंचे . सीआरपीएफ के आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक़ महानिदेशक जी पी सिंह को 112 बटालियन में पहुंचने पर  क्वार्टर गार्ड में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.  इसके बाद उन्होंने   112 बटालियन परिसर  स्थित सिगनल सेंटर, अन्य रैंक मैस, मुख्य कार्यालय आदि का निरीक्षण किया. इस मौके पर  कांगपोकपी के उप महानिरीक्षक ( ऑपरेशन ) मनीष कुमार साचर, 112 बटालियन के कमांडेंट  रंजन कुमार बरुआ साथ थे .  इस कैंप में ‘बड़ा खाना’ (जवानों के साथ आधिकारिक रात्रि भोजन) का भी आयोजन किया गया

मणिपुर में इस दौरे के दौरान सीआरपीएफ मह्निदेशक ने  सैनिक सम्मेलन को भी संबोधित किया. उन्होंने  अधिकारियों तथा कर्मियों से बल को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए अथक परिश्रम करने का आह्वान किया. वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अलग से  बैठक की .  कार्मिकों के साथ  बातचीत के दौरान सीआरपीएफ प्रमुख जीपी सिंह ने उनके मुद्दों को ध्यान से सुना एवं हर संभव निस्तारण का भरोसा  दिया.

इससे पहले   सीआरपीएफ महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने बुधवार को इम्फाल  पश्चिम जिले में 120 वीं बटालियन के लामशांग कैंप का दौरा किया. यहां पर तैनात , राजस्थान के झुनझुनू  जिले के निवासी ,  हेड कांस्टेबल संजय कुमार मेघवाल ने अपनी ही यूनिट के कर्मियों पर गोली चलाई थी .  इस घटना में  सब-इंस्पेक्टर तिलक राज और कांस्टेबल राजीव रंजन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि आठ अन्य कर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे. इसके बाद संजय मेघवाल ने अपनी सर्विस राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी .

जीपी  सिंह ने इंफाल में क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) का भी दौरा किया, जहां गोलीबारी की घटना में घायल जवानों को भर्ती कराया गया है.  उन्होंने जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और सीआरपीएफ जवानों का इलाज कर रहे डॉक्टरों से बात की.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीजी जीपी सिंह ने कैम्प  में मौजूद जवानों से सतर्क रहने, एक-दूसरे का साथ देने और अपना मनोबल ऊंचा रखने का आग्रह किया.  डीजी ने जवानों को भरोसा दिलाया कि उनकी ऑपरेशनल और व्यक्तिगत जरूरतों के लिए उनका  पूरा सहयोग मिलेगा .

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन ( president’s rule in manipur)  :
बुधवार को मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात करने के अलावा सीआरपीएफ महानिदेशक ने मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह समेत राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की.

मणिपुर लम्बे समय से जातीय हिंसा से ग्रस्त है और राज्य सरकार हालात को सामान्य बनाने में नाकाम रही है. क्योंकि यहां मणिपुर में भी,  केंद्र में सत्तारूढ़ ,  भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी ) की सरकार थी जिसके कारण उसकी सियासी स्तर  पर भी छीछालेदर हो रही थी . सरकारी तंत्र के फेल होने के आरोप के बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाए जाने की मांग लगातार हो रही थी .

मणिपुर के मुख्यमंत्री के पद से एन बीरेन सिंह  ने ( 9 फरवरी 2025)  को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर अपन  इस्तीफ़ा  सौंपा .इसके बाद जब बीजेपी में नए मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बन पाई तो चुनी हुई विधान सभा  को भंग कर वहां 16 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया .

मणिपुर भारत के उन राज्यों में से है जहां सबसे ज्यादा दफा राष्ट्रपति शासन लग चुका है . इससे पहले 1967 से अब तक यहां 10  बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है. 2001 से 2002 तक यहां दसवीं बार राष्ट्रपति  शासन की अवधि रही.  अब यहां 11 वीं बार राष्ट्रपति का शासन लागू किया गया है .