नक्सली हिंसा से प्रभावित छत्तीसगढ़ का आदिवासी बहुल जिला बस्तर उन इलाकों में से एक है जहां चप्पे चप्पे की खबर रखना सुरक्षा बलों की ज़िम्मेदारी और मजबूरी दोनों ही है . इस काम में ज़रा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है या किसी भयानक हादसे का कारण बन सकती है. ऐसे में यहां तरफ तरह ऑपरेशन बेहद संवेदनशीलता के साथ लगातार किये जाते हैं . सूचनाएं , एकत्र करने से लेकर वांछित अपराधियों की धरपकड़ , नक्सलियों को तलाश करने से लेकर उनकी बिछाई बारूदी सुरंगों को खोजना आदि काम इसी तरह के ऑपरेशंस के तहत किये जाते हैं .
नक्सलरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए स्थानीय पुलिस और विभिन्न तरह की पुलिस फोर्सेस को लगाया गया है लेकिन यहां मुख्य तौर पर इसकी ज़िम्मेदारी कई साल से केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल ( central reserve police force ) के कंधे पर है. बस्तर ज़िले में इन दिनों यह ज़िम्मेदारी सीआरपीएफ की 195 बटालियन संभाल रही है. इसी बटालियन के जवान बीते मंगलवार ( 31 अक्तूबर 2023 ) को एक ख़ास ऑपरेशन के लिए निकले थे तभी उन्हें पुशपाल गांव तेज़ बुखार में बेहोश पड़े एक शख्स के बारे में किसी ने बताया. ऐसे में सीआरपीएफ के दल ने उसकी मदद को प्राथमिकता देने का फैसला लिया.
सीआरपीएफ ( crpf ) के एक प्रवक्ता ने बताया कि बीमार उस शख्स के बारे में गांव के ही सुखराम मंडावी के परिवार ने की मदद के लिए आग्रह किया था. सीआरपीएफ की मेडिकल टीम ने वहां पहुंचकर उसका प्राथमिक उपचार किया. क्योंकि बीमार की हालत ज्यादा खराब थी और उसे अस्पताल में तुरंत पहुंचाने की ज़रूरत महसूस हुई . परिवार के पास साधन नहीं थे सो सीआरपीएफ ने इसमें भी अपना हाथ आगे बढ़ाया. पहल करते हुए एम्बुलेंस का बन्दोबस्त किया गया ताकि रोगी को जल्दी व सुरक्षित तरीके से निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाया जा सके.
पहले सीआरपीएफ के जवान रोगी को स्ट्रेचर पर लिटाकर उसे सड़क तक लेकर गए. फिर वहां पहुंची एम्बुलेंस में उस अस्पताल पहुंचाया गया .
ऐसा नहीं है कि सीआरपीएफ ने नक्सल प्रभावित गड़बड़ी वाले इस इलाके में मानवीय मदद का कोई ऐसा पहला काम किया लेकिन ऑपरेशन के दौरान भी इस तरह काम करने की तारीफ की जा रही है . नक्सलियों से निपटने के दौरान स्थानीय स्तर पर लोगों से टकराव के कारण सीआरपीएफ और यहां के लोगों की बीच तनावपूर्ण रिश्ते होना स्वाभाविक बात है लेकिन सीआरपीएफ की तरफ से किये जाने वाले इस तरह के हमदर्दी वाले काम स्थानीय लोगों के बीच सीआरपीएफ की छवि बेहतर करते हैं . ऐसी घटनाएं दोनों पक्षों के बीच तनाव ही नहीं घटातीं , रिश्तों को सामान्य या बेहतर करने में अहम भूमिका भी निभाती हैं .