भारतीय सेना में हर साल कमीशन पाने वाली महिला अधिकारियों में 10 फ़ीसदी से ज्यादा को सेना की विभिन्न आर्टिलरी (तोपखाना – artillery) रेजीमेंट की इकाइयों में तैनात किया जाएगा. ये सिलसिला अगले महिला बैच से ही शुरू किया जाएगा जिसकी पासिंग आउट परेड इसी महीने होनी है. इन अधिकारियों की तैनाती पाकिस्तान और चीन सीमा पर भी की जाएगी.
ये जानकारी ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ( the indian express ) की एक रिपोर्ट में साझा की गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बाबत साल के शुरू में ही फैसला ले लिया गया था. सेना की तोपखाना रेजीमेंट में महिला अफसरों की तैनाती करने का ऐलान सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने जनवरी में किया था और तदोपरांत बीते महीने इस बाबत सरकार को एक प्रस्ताव भी भेजा था. सरकार ने प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है.
युद्ध के क्षेत्र में तोपखाना न सिर्फ रक्षक का काम करता है बल्कि सेना को एडवांस करने में ज़बरदस्त साथ देता है. भारतीय सेना की आर्टिलरी तरह तरह की क्षमता वाली तोपों, बंदूकों, रॉकेट. रिमोट चालित एयरक्राफ्ट मोर्टार, मिसाइल, रडार प्रणाली आदि से लैस है. अपने आधुनिकीकरण के लिए सेना की ये रेजीमेंट और साजो सामान खरीद रही है. इन्फेंट्री के बाद आर्टिलरी ही भारतीय सेना की सबसे बड़ी बाजू है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (Officers Training Academy, Chennai) से हर साल तकरीबन 40 महिला अधिकारी सेना में कमीशन पाती हैं. इसी महीने यहां की पासिंग आउट परेड के बाद महिला अधिकारियों को आर्टिलरी इकाइयों में भेजने का सिलसिला शुरू होगा जो साल दर साल चलता रहेगा. आर्टिलरी की इनकी ट्रेनिंग भी पुरुष अधिकारियों के साथ होगी. इकाइयों में कुछ महीने के प्रशिक्षण के बाद इन महिला सैनिक अधिकारियों को यंग ऑफिसर कोर्स (young officers’ course) के लिए भेजा जाएगा जहां इनको विशेष तकनीकी व तोपखाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. रिपोर्ट में एक अन्य अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि ये 6 महीने का कोर्स होगा. महिला अधिकारियों के समकक्ष पुरुष अफसरों की ट्रेनिंग में कोई फर्क नहीं होगा.