IAS की कुर्सी छोड़ पढ़ाने निकले रोमन सैनी यूं करेंगे पुलिस परिवारों की मदद

480
दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना और स्पेशल कमिश्नर शालिनी सिंह के साथ अन अकेडमी के सह संस्थापक रोमन सैनी.

ऑनलाइन शिक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुछ ही साल में तेज़ी से बढ़ी बंगलुरु स्थित भारतीय कंपनी अन अकेडमी (unacademy) दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों और उनके बच्चों को शिक्षित करने की दिशा में काम करेगी. इसके लिए अनअकेडमी और दिल्ली पुलिस की तरफ से कल (11 अप्रैल 2022) एक करार हुआ जिस पर दोनों पक्षों ने दस्तखत किए. इस करार के मुताबिक़ अन अकेडमी के अपने कुछ उत्पाद फ्री में देगी और कुछ पैकेज की फीस में छूट देगी. वहीं कंपनी के विशेषज्ञ करियर चुनने में और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए पुलिसकर्मियों और उनके बच्चों को सलाह मशविरा भी देंगे. इस करार में लाभार्थियों के दायरे में दिल्ली पुलिस में कार्यरत कर्मियों के सेवानिवृत्त और पूर्व कर्मियों के अलावा उन कर्मियों के परिवारों को भी लाया गया है जिन कर्मियों की मृत्यु हो चुकी है.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल कमिश्नर शालिनी सिंह ने बताया कि पुलिसकर्मियों के परिवार के बच्चों की शिक्षा और उनके लिए करियर काउंसलिंग आदि के लिए विभिन्न विशेषज्ञों से बातचीत चल रही थी. इसी प्रक्रिया के दौरान अन अकेडमी से करार (MoU with unacademy) का फैसला लिया गया. दिल्ली पुलिस और अन अकेडमी के अधिकारियों के बीच करार पर दस्तखत के बाद इसकी घोषणा पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने की. अन अकेडमी ने पुलिस कमिश्नर (police commissioner) को अपनी योजनाओं और तौर तरीकों से भी अवगत कराया. वैसे दिल्ली पुलिस पहले से ही अपने कर्मियों के बच्चों के लिए दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल और व्यवसायिक शिक्षा के लिए गतिविधियां चला रही है. शालिनी सिंह ने बताया कि अन अकेडमी से किया गया करार पुलिस कल्याण के कार्यक्रमों की श्रृंखला का एक हिस्सा है.

दिल्ली पुलिस
अनअकेडमी और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने समझौते पर दस्तखत किये.

करार के तहत अन अकेडमी दिल्ली पुलिस के परिवारों (delhi police families) की 10 वीं से 12 वीं कक्षा की 750 छात्राओं को ‘शिक्षोदय’ योजना के तहत निशुल्क सबस्क्रिप्शन देगी. दसवीं से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई कर रहे एक हज़ार लड़कों और लड़कियों को विभिन्न तरह की फ्री कोचिंग दी जाएगी. इन्हें यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा, एसएससी, एनडीए, सीडीएस, आईआईटी-जेईई और एनईईटी आदि जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने के लिए कोचिंग दी जायेगी. लेकिन शर्त है कि इसके लिए प्रार्थी को अन अकेडमी की तरफ से पूर्व में आयोजित ऑनलाइन टेस्ट पास करना होगा. इसके अलावा जो भी इस तरह की कोचिंग लेना चाहेगा उसे फीस में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी.

यही नहीं दिल्ली पुलिस में कार्यरत 150 कर्मियों को भी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बिना किसी फीस के कोचिंग दी जाएगी. पुलिस के साथ हुए करार की शर्तों के मुताबिक अन अकेडमी के विशेज्ञ दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए करियर गाइडेंस सत्रों का भी आयोजन करेंगे. इसके लिए वे स्कूल में भी जाएंगे और वर्चुली भी करेंगे. साथ ही अनअकेडमी दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल के 500 छात्र छात्राओं को बस्ते मुहैया कराएगी जिसमें कापी किताबें और शिक्षा सामग्री होगी.

अनअकेडमी क्या है :

अनअकेडमी कंपनी का इतिहास बेहद रोचक है. इसके संस्थापकों में से एक राजस्थान के वही रोमन सैनी हैं जिन्होंने 16 साल की उम्र में एमबीबीएस दाखिला परीक्षा पास कर ली और डॉक्टर के तौर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (aiims) में काम भी किया. रोमन सैनी ने 22 साल की उम्र में आईएएस बनने के बाद सहायक कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था. शिक्षा में रुचि और गरीब प्रतिभावान छात्रों के कल्याण जैसी भावनाओं के तहत रोमन सैनी ने अपने मित्र गौरव मुंजाल के साथ मिलकर 2015 में कंपनी बनाई थी. इसमें उनके साथ हिमेश सिंह भी जुड़े और कुछ अन्य ने भी निवेश किया. मुंबई में पढ़ाई कर रहे गौरव मुंजाल ने हालांकि पहले पहल इसे 2010 में यू ट्यूब चैनल के तौर पर शुरू किया था ताकि अपने दोस्तों और परिचितों को कंप्यूटर प्रोग्रेमिंग के बारे में जानकारी दे सके. छह साल के कम अरसे में ही अन अकेडमी आश्चर्यजनक रूप से 14000 करोड़ की कंपनी बन गई. अन अकेडमी भारत में स्टार्ट अप्स की दिलचस्प और अद्भुत मिसाल भी है.