अलग अलग जगह हुए विरोध और आलोचनाओं के बाद आखिर जम्मू कश्मीर पुलिस में उप निरीक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया रद कर दी गई है. वहीं सब इंस्पेक्टरों की इस भर्ती की प्रक्रिया के दौरान की गई गड़बड़ियों को पता लगाने के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (central bureau of investigation – CBI) से जांच कराने की अनुशंसा भी की है. इस भर्ती के लिए 97000 से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया था. लिखित प्रक्रिया के बाद 1200 सफल अभ्यर्थियों की लिस्ट बनाई गई थी. इसी लिस्ट के जारी होने के बाद पिछले महीने जब बवाल मचना शुरू हुआ तो उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर में सचिव स्तरीय एक कमेटी का गठन कर पूरे मामले की जांच करके 15 दिन में रिपोर्ट देने के आदेश किये थे.
जम्मू कश्मीर पुलिस में सब इंस्पेक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया जम्मू कश्मीर सर्विस सलेक्शन बोर्ड (jammu and kashmir service selection board) ने शुरू की थी. लिखित परीक्षा के परिणाम आने के बाद जब इसमें सफल 1200 लोगों के नाम की लिस्ट जारी हुई तो उस पर उंगलियाँ उठनी शुरू हो गई. एक ही परिवार से एक से ज्यादा आवेदकों का चयन होना और जम्मू के मुकाबले कश्मीर के युवाओं का कम चयन होना जैसे बिंदुओं के कारण इस मामले ने तूल पकड़ा.
इन हालात में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Jammu and Kashmir Lieutenant Governor Manoj Sinha) के आदेश के बाद 8 जून 2022 को गृह विभाग में वित्त आयुक्त आर के गोयल के नेतृत्व में जांच समिति का गठन किया गया. इस कमेटी में जम्मू कश्मीर सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और विधि, न्याय व संसदीय मामले विभाग के सचिव भी सदस्य के तौर पर शामिल थे. इस कमेटी को पन्द्रह दिन में अपनी रिपोर्ट और अनुशंसाएं देने के लिए कहा गया था.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 8 जुलाई के अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल @OfficeOfLGJandK पर संदेश में जम्मू कश्मीर उपनिरीक्षक भर्ती (JKP Sub-Inspector recruitment ) को रद करने का ऐलान करते हुए बताया कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की गई हैं और बहुत जल्द ही दोषियों को कटघरे में खड़ा किया जाएगा. उपराज्यपाल ने कहा अपने युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है और सरकार जल्द ही ताज़ा भर्ती के बारे में फैसला लेगी.