भारतीय सेना में अधिकारी के तौर पर भर्ती होने और स्थाई कमीशन हासिल करने की इच्छुक महिलाओं के लिए ये खुशखबरी वाली खबर है. सेना के शीर्ष नेतृत्व और भारत सरकार ने महिलाओं को भी पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (नेशनल डिफेन्स एकेडमी – National Defence Academy ) यानि एनडीए (NDA ) में दाखिले और प्रशिक्षण देना मंजूर कर लिया है. ये फैसला इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख अपनाने और इस संबंध में पूर्व में दिए गए आदेशों के असर की वजह से मुमकिन हो पाया है.
भारत सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल की अगुआई वाली उस खंडपीठ के समक्ष सरकार के इस फैसले की जानकारी दी गई जो खंडपीठ एनडीए के ज़रिए सेना में महिलाओं की भर्ती के मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है. जस्टिस संजय किशन कौल की अगुआई वाली इसी खंडपीठ ने 18 अगस्त को आदेश जारी करके कहा था कि एनडीए की उस दाखिला परीक्षा में महिलाओं को भी बैठने की इजाज़त दी जाये जो महिलायें इस परीक्षा को देने संबंधी पात्रता पूरी करती हैं.
सुप्रीम कोर्ट को सरकार के ताज़ा फैसले के बाबत केंद्र सरकार की तरफ से पेश एडीशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्य भाटी ने अवगत कराया लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष ये भी कहा कि इस साल होने वाली एनडीए परीक्षा में महिलाएं को शामिल नही किया जा सकेगा और उन्होंने इसके लिए छूट मांगी. तब अदालत ने कहा कि सरकार इस बारे में 20 सितंबर तक विस्तृत ब्यौरे के साथ हलफनामा दाख़िल करके बताये कि इसके लिए क्या क्या कदम उठाए जाएंगे और उनकी समय सीमा क्या होगी आदि. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई अब 22 सितंबर को करेगी. वैसे एनडीए की ये परीक्षा नवंबर 2021 में होनी है.
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी – UPSC) एनडीए की प्रवेश परीक्षा करवाता है. वर्तमान में एनडीए की प्रवेश परीक्षा में 12 वीं पास उन छात्रों को बैठने की इजाज़त है जिनकी उम्र 16 से 19 साल के बीच हो. एनडीए की दाखिला परीक्षा साल में दो बार होती है. जो छात्र एनडीए की इस प्रवेश परीक्षा को पास कर लेते हैं उनको इसके बाद सर्विसेज़ सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी – SSB) के सामने इंटरव्यू देना होता है. अंत में जो आवेदक मेडिकल जांच क्लियर कर लेते हैं उनको सेना के भारतीय सेना में सर्वोच्च प्रतिष्ठित सैन्य संस्थानों में से एक एनडीए में दाखिला मिलता है जिसकी स्थापना 1954 में की गई थी.